शिवहर। डेंगू को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जा रहा है, उन्हें बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं। साथ ही डेंगू पीड़ित मरीजों के गांवों-टोलों में स्वास्थ्य विभाग की प्रशिक्षित टीम द्वारा फॉगिंग कराया जा रहा है, ताकि डेंगू मच्छर का प्रकोप खत्म हो सके। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुरेश राम ने बताया कि डेंगू प्रभावित विशेष इलाकों के 500 मीटर के दायरे में विशेष फॉगिंग करवाया जा रहा है। संक्रमित क्षेत्र में विशेष रूप से फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव हो रहा है, जिससे डेंगू के मच्छर अन्य लोगों को संक्रमित ना करें। जिले में अभी तक डेंगू के दस मरीज सामने आए हैं। इसमें 6 मरीजों का इलाज एसकेएमसीएच, 2 मरीजों का इलाज सदर अस्पताल शिवहर में हुआ है। वहीं दो मरीजों के घर की ट्रेसिंग की जा रही है, जो आइजीआइएमएस में इलाजरत हैं।
जागरुकता अभियान चलाया जा रहा
भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुरेश राम ने बताया कि डेंगू एडिस मच्छर के काटने से होता है। जो पानी जमने के बाद फैलता है। इसमें ब्लड का प्लेटलेट घट जाता है। लोग अत्यधिक कमजोर हो जाते हैं। समय पर इलाज नहीं होने पर यह जानलेवा सावित होता है। इस बाबत जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। मायकिंग कर लोगों को आगाह किया जा रहा है कि पानी नहीं जमने दें। दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही आसपास का इलाका स्वच्छ रखें।
शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनें
डेंगू या अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचने के लिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए। मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी कर सकते हैं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर है। घर के सभी कमरों की सफ़ाई के साथ ही टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी को स्थिर नहीं होने देना चाहिए। गमला, फूलदान का पानी एक दिन के अंतराल पर बदलना जरूरी है। ऐसा करते रहने से डेंगू से बचे रहेंगे।