बक्सर : सनातन संस्कृति समागम के दूसरे दिन अंतराष्ट्रीय संत सम्मेलन का शुभारंभ, शामिल हुए संघचालक राष्ट्रीय स्वयं संघ मोहन भागवत

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बक्सर : माता अहिल्या धाम अहिरौली बक्सर में आयोजित सनातन संस्कृति समागम के दूसरे दिन अंतराष्ट्रीय संत सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि सह अध्यक्ष परम पूज्य संघचालक राष्ट्रीय स्वयं संघ मोहन भागवत, जगतगुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी,  जगत गुरु श्री लक्ष्मीप्रपन्ना जीयर स्वामी जी, जगत गुरु स्वामी श्री अंताचार्य जी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

आए हुए सभी अतिथियों, पूज्य संतो एवं आयोजन समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि परम पूज्य श्री मोहन भागवत जी ने अपने संबोधन में कहां की संत दूसरे के लिए कार्य करते है, उनके मन में अपने लिए कुछ भी नही रहता है। इसीलिए संतो की इच्छा और वाणी का सम्मान ईश्वर भी रखते है और कहां भी गया की होइहे वही जो रामरची रखा। इच्छा पुण्य करने के लिए कर्म करना पड़ता है। पुरुषार्थ करना पड़ता है। त्याग करना पड़ता है। श्री राम ने अपने जीवन में ये सभी कार्य किए है वो चाहते तो एक क्षण में रावण की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे। 

मगर समाज को संदेश देने के उद्देश्य से श्री राम ने अपने सभी सुखों का त्याग की किया। सभी लोगो को आगे करने का कार्य किया। उनके साथ सभी को कर्म करना पड़ा। कष्ट सहना पड़ा तब जाकर इस धरती को रावण जैसे कई दुष्टों से मुक्ति मिली। हम सभी को अपने लक्ष्य हेतु कर्म करना पड़ेगा, कष्ट सहना पड़ेगा तब जाकर राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करेगा। मन में राम रखो, जप करो, कर्म करो, धर्म करो जैसे किसान कर्म करता है तो सभी का भला होता है। 

पूज्य संत रामभद्राचार्य जी महाराज ने अपने संबोधन में कहां कि बक्सरवासियो अब याचना नही रण होगा। संग्राम बड़ा भीषण होगा। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर चीन द्वारा कब्जा किया गया। 800 वर्ग मिल भूमि बहुत जल्द भारत का अंग होगा। राष्ट्रीय समस्याओं पर सभी संतो का एक मत होना चाहिए। कुछ लोग धर्म परिवर्तन करा रहे है, हमे अब परावर्तन करने का कार्य करना चाहिए।

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पूज्य संत श्री ज्ञानानन्द जी महाराज जी ने कहां की राम समरसता सद्भावना सहयोग और समर्पण के प्रतीक है। उन्होंने निषादराज केवट को भ्राता कहां तो सवरी को माता आज पूरे मानवता के कल्याण के लिए केवल एक ही शब्द है राम। श्री राम आचरण ही हम सभी के कल्याण का आधार है। 

पूज्य स्वामी श्री चिंदानद सरस्वती जी महाराज ने कहां की आज हमे बाहर और भीतर के पर्यावरण को बचाने हेतु अधिक से अधिक पेड़ लगानी चाहिए। मैं इस बावन भगवान की जन्मभूमि से जिन्होने इस धरती को बचाने के लिए ही राजा बलि से तीन पग भूमि मांग कर उन्हे पाताल लोक भेजा। आज मैं आप सभी से धरती को बचाने का आग्रह करता हूं। चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को इस आयोजन हेतु प्रशंसा की और सामाजिक जीवन मे होते हुए भी इतने संतो को एक मंच पर लाने का सफल कार्य किए।

जूनागढ़ आखाड़ा के स्वामी जी महाराज जी ने कहां कि कैंसर की बीमारी को खत्म करने के लिए अपरेशन करनी पड़ती है। उसके बाद भी कुछ टिसू बच जाते है, जिन्हे कीमो थिरेपी करके मारा जाता है। उसी प्रकार देश की कई समस्याओं का आपरेशन तो किया गया। मगर कीमो थिरेपी नही की गई। उसके बाद बार बार कैंसर रूपी समस्या देश के सामने आ रही है। उन्होंने खत्म करने के लिए अब आवश्यकता है कीमो थिरेपी की।

रामविलास वेदांता जी महाराज ने कहां की बक्सर की धारा पर सौ वर्षो तक भगवान विष्णु ने कई हजार तक ऋषि कश्यप और मां अदिति ने तपस्या किया था। जब वामन भगवान का अवतार हुआ था। इसी धरती पर महर्षि विश्वामित्र के सान्निध्य श्री राम को कई शक्तियां प्राप्त हुई। तब जाकर प्रभु श्री राम ने भगवान के शिव के धनुष को खंडित कर माता सीता को प्राप्त किया।

जगत गुरु अनंताचार्य जी महाराज ने कहा की श्री राम का जन्म भले ही अयोध्या में हुआ हो, मगर उन्हें धरा पर लाने के श्रेय बिहार के सृंगी ऋषि को जाता है। भारत भूमि का वैभव वापस लाने के लिए राम राज की स्थापना जरूरी है और राम राज के लिए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना होगा। अगर बक्सर आज प्रतिज्ञा कर ले तो पूरे विश्व में शांति की स्थापना हो जायेगा। ऐसा बक्सर में महर्षि विश्वामित्र के नेतृत्व में पूर्व में तड़का मारीच सुबाहु का अंत कर विश्व में शांति स्थापना किया था।

मंच का संचालन जगत गुरु रामानुजाचार्य श्री लक्ष्मी प्रपन्ना श्री जियर स्वामी जी महाराज के द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा आर एन सिंह जी किया। कार्यक्रम में सांसद सुशील सिंह, सांसद राम कृपाल यादव, सांसद नीरज शेखर पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश, उपेंद्र तिवारी पूर्व विधायक, परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील बराला, राजेश्वर राज भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष, सिद्धार्थ शंभू, कृष्णानंद शास्त्री, छविनाथ त्रिपाठी, दुर्गेश सिंह, आयोजन समिति के संयोजक श्री राजेश सिंह उर्फ राघो जी, परशुराम चतुर्वेदी, श्री राम कर्मभूमि के अध्यक्ष श्री कृष्णकांत ओझा, अर्जित शाश्वत, अविरल शाश्वत, धनंजय चौबे, राजेंद्र ठाकुर, अरुण मिश्रा, प्रदीप राय, हिरामन पासवान,

निर्भय राय, कतवारु सिंह, राजेंद्र सिंह,  पुनीत सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, सौरभ तिवारी,  विनय उपाध्याय, संजय साह, अभिषेक पाठक, सुरभि चौबे, पूनम रविदास, इंदु देवी, शीला त्रिवेदी, विनोद राय, सिद्धनाथ सिंह, जयप्रकाश राय, मिथिलेश पांडेय, मदन जी दुबे, विकाश कायस्थ,  निक्कू तिवारी, अभिनंदन सिंह, दीपक सिंह, त्रिभुवन पाठक, राहुल दुबे, मलिकार्जुन राय, अक्षय ओझा, मिर्तुंजय सिंह, मनोज सिंह, दीपक सिंह, सौरभ चौबे, सुजीत सिंह, अखिलेश मिश्रा, ओम जी यादव, शेखर विवेक चौधरी, नितिन मुकेश, पंकज मिश्रा, राहुल सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहें।

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