सही समय पर कुष्ठ का इलाज शुरू होने से होगा दिव्यांगता से बचाव

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

बक्सर| गंभीर बीमारियों को नजर अंदाज करना मरीजों के लिए काफी नुकसान देह साबित हो सकता है। गंभीर से गंभीर बीमारी का भी इलाज संभव है, यदि उसका समय पर इलाज शुरू किया जाए। ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है कुष्ठ। जिसे पूर्व में लोग अभिशाप मानते हैं। जिसके मरीज शारीरिक एवं मानसिक रूप से अपने आप को कमजोर मानने लगते हैं। लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि दिव्यांगता केवल जन्म के समय नहीं होती है।

कई ऐसी बीमारियां भी हैं, जिनको नजरअंदाज करने से मरीज दिव्यांग भी हो सकता है। इन्हीं में से एक बीमारी है कुष्ठ। जिसका सही समय पर इलाज नहीं शुरू किया गया, तो बाद में यह लाइलाज हो जाता है। जिसके बाद मरीज को आजीवन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोग समय पर कुष्ठ का इलाज करा सकें, इसके लिये सरकार जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुष्ठ रोग की जांच के साथ उसका इलाज भी नि:शुल्क प्रदान कराती है।

कुष्ठ बीमारी का पूर्ण इलाज सम्भव

जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, कुष्ठ का रोग एक कीटाणु से होता है, जिसका नाम माइक्रो बैक्टीरियम लेप्री है। इस बैक्टेरिया द्वारा रोगी की त्वचा पर स्पर्श करते हुए, उन्हें संक्रमण का शिकार बना लिया जाता है। कुष्ठ की पहचान बिल्कुल आसानी से हो सकती है। चमड़े पर किसी तरह का दाग या धब्बा जिसमें दर्द या खुजली नहीं होती हो और यह निशान जन्म से ही नहीं हो तो यह कुष्ठ रोग का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है।

उन्होंने बताया, कुष्ठ बीमारी का पूर्ण इलाज सम्भव है। समय से इलाज कराने से यह रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके इलाज के लिए एमडीटी (मल्टी ड्रग थेरेपी) का उपयोग किया जाता है। एमडीटी की पूरी खुराक नियमानुसार सेवन करने के बाद कोई भी कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति सामान्य इंसान जैसा हो सकता है।

- Advertisement -

तीन माह के इलाज में ही दिखने लगा फर्क

सदर प्रखंड के दलसागर पंचायत स्थित बेलाऊर गांव के निवासी विरेंद्र पासवान के 26 वर्षीय बेटे संजीव कुमार कुष्ठ के ग्रेड टू स्टेज के मरीज हैं। तीन माह पहले गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने जांच के क्रम में कुष्ठ के लक्षण पाए। जिसके बाद उन्हें जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। जहां पारा मेडिकल वर्कर ने उनकी जांच कर कुष्ठ की पुष्टि की। कुष्ठ के कारण संजीव के दाहिने हाथ का अलनर वेन प्रभावित हुआ है।

साथ ही, त्वचा पर धब्बों के साथ सेंशरी लॉस भी है। लेकिन, वो लगातार तीन माह का नियमित दवाओं का सेवन कर रहे हैं। जिसके कारण अब उनकी स्थिति में पहले से सुधार हुआ है। संजीव ने कहा कि पहले वो इसे त्वचा की सामान्य बीमारी समझते थे। लेकिन, धीरे धीरे उनकी परेशानी बढ़ने लगी। लेकिन, इलाज के बाद उन्हें थोड़ी थोड़ी राहत मिलने लगी है। संजीव ने जिले के सभी कुष्ठ के लक्षण वाले रोगियों से तत्काल जांच करा अपना इलाज शुरू कराने की अपील की।

- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें