मुजफ्फरपुर। फाइलेरिया संक्रमित मरीजों को नियमित रूप से आवश्यक उपचार और देखभाल की जरूरत होती है। इसके लिए उन्हें आवश्यक दवाइयों के साथ संक्रमित अंग का पूरा ध्यान रखना होता है। ठीक तरह से ध्यान रखने पर फाइलेरिया संक्रमण को गंभीर होने से रोक जा सकता है। इसी उद्देश्य से जिले के मीनापुर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार और फाइलेरिया इंचार्ज अरविंद कुमार ने 20 पीएसजी और 4 नॉन पीएसजी को किट दिया। इसमें महदैया गांव से पार्वती सपोर्ट ग्रुप, उजाला सपोर्ट ग्रुप, गंजबाजार सपोर्ट ग्रुप, सूरज पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के नेटवर्क मेंबर को एमएमडीपी किट दिया गया। उन्हें एमएमडीपी किट के उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया गया। फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ-सफाई को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। फाइलेरिया से ग्रसित अंगों को विशेष रूप से सफाई के बारे में जागरूक किया गया।
फाइलेरिया को शुरुआत में ही रोका जा सकता है
इस मौके पर डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि जिले में फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को नि:शुल्क दवाएं दी जा रही हैं। क्यूलेक्स मच्छर किसी भी व्यक्ति को काटता है तो उसे संक्रमित कर देता है। इससे या तो व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए और सरकार द्वारा साल में एक बार उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करना चाहिए।
फाइलेरिया से ग्रसित अंग रखें साफ-सुथरा
कार्यक्रम में फाइलेरिया ग्रसित सभी मरीजों को स्वउपचार बताया गया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को अपना पैर साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए।