जागरूकता से जीती जायेगी टीबी से लड़ाई : डॉ राकेश कुमार

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सासाराम। 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार द्वारा लगातार जन जागरूकता अभियान चला टीबी से पीड़ित मरीजों का पता लगाकर उनका इलाज किया जा रहा है। ताकि टीबी का एक भी मरीज छूटे नहीं । टीबी बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें टीबी के कारण, लक्षण एवं बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं। इसके लिए टीबी बीमारी से लड़ाई जीत चुके लोगों का सहारा लेकर भी लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जा रही है, ताकि टीबी से पीड़ित लोग इस बीमारी को छुपाए नहीं और समय रहते इसका इलाज कराएं।

इधर रोहतास जिले में भी टीबी को जड़ से मिटाने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र लगातार प्रयासरत है। जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी 1400 के आसपास टीबी के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में प्रतिमाह 40 से 50 टीबी के मरीज मिल रहे हैं।

शिव सागर प्रखण्ड के संजीत लोगों को कर रहे जागरूक

शिवसागर प्रखण्ड के संजीत कुमार को कुछ साल पहले टीबी हो गया और वो टीबी के एमडीआर स्टेज में थे। टीबी बीमारी की जानकारी होते ही उन्होंने जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी क्योंकि उन्होंने सुन रखा था कि टीबी से ग्रसित मरीज की मृत्यु हो जाती है। परंतु किसी तरह उन्हें जानकारी मिली कि सरकारी अस्पताल में टीबी का निःशुल्क इलाज होता है।

सदर अस्पताल में संजीत कुमार का इलाज शुरू हुआ तकरीबन साल भर इलाज के बाद टीबी बीमारी को मात देते हुए संजीत पूरी तरह स्वस्थ्य हो चुके हैं | आज संजीत टीबी बीमारी से ग्रसित लोगों की तलाश कर उनका मार्गदर्शन कर सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए प्रेरित कर रहे हैं। संजीत अब टीबी चैंपियन बन कर टीबी उन्मुख अभियान में सरकार की मुहिम में अपना योगदान दे रहे हैं ।

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लोगों को आना होगा आगे

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी लेकर लोग अभी भी बताने से कतराते हैं। ऐसे में यह रोग जानलेवा साबित हो जाता है, क्योंकि समय से टीबी का इलाज न कराया जाए तो इससे इंसान की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए टीबी के लक्षण दिखाई देने पर बिना डर भय के जांच कराएं। डॉ कुमार ने बताया कि टीबी उन्मूलन को लेकर रोहतास जिले में लगातार अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें टीबी से ठीक हो चुके मरीजों की भी सहायता ली जा रही है। उन्होंने कहा कि वैसे लोग जो टीबी बीमारी से ग्रसित और सदर अस्पताल में इलाज के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं, वैसे लोगों को आगे आना होगा।

उन्हें अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना होगा, क्योंकि जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी टीबी से लड़ाई नहीं जीती जा सकती है। उन्होंने बताया कि टीबी से ठीक हो चुके मरीजों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने आसपास के लोगों को टीबी की बीमारी के बारे में जानकारी दें और इसके बचाव और इलाज के बारे में भी पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। ताकि समय रहते ही टीबी से ग्रसित लोगों की पहचान हो पाए और उनका इलाज किया जा सके।

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