डुमरांव. गुरूवार को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आइसीडीएस रंजना कुमारी, सीडीपीओ नीरू बाला, जिला समन्वयक पोषण अभियान महेंद्र कुमार, एएमएमभीवाई शिवांगी, लिपिक अमृता कुमारी, महिला पर्यवेक्षिका रीता देवी आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 147 नुआंव में चले रहें सामाजिक अंकेक्षण दौरान औचक पुहंची. केंद्र की व्यवस्थाओं से संतुष्ट दिखी, उन्होने कहां कि जिले के सभी केंद्रों का संचालन ऐसा होना चाहिए.
वहीं कंेद्र संख्या 49 पर जाने पर साफ-सफाई नहीं रहने व पगड़डियों के सहारे कंेद्र पर पहुंचने से संतुष्ट नहीं दिंखी. इस दौरान उन्होने कहां कि जनप्रतिधियों का सहयोग जरूरी है. ताकि बच्चों के आवागमन को लेकर रास्ता ढ़ग से रहें. बता दें कि आईसीडीएस की ओर से विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं को पारदर्शी व प्रभावी बनाने के लिए गुरुवार को प्रखंड व नगर परिषद क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्र का सोशल ऑडिट किया गया.
शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाके के केंद्रों पर इसके लिए सामाजिक अंकेक्षण समिति की बैठक हुई. आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन से संबंधित पंजी व केंद्र के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं को लेकर बैठकों में विस्तृत चर्चा की गई. ग्रामीण इलाके के आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में किया, तो शहरी क्षेत्र के केंद्रों पर वार्ड पार्षद की अवस्था में सामाजिक अंकेक्षण हुआ.
सामाजिक अंकेक्षण की सफलता के लिए सीडीपीओ ने पूर्व में ही सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को जरूरी दिशा-निर्देश दिया गया था. सामाजिक अंकेक्षण के दरम्यान विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिला पर्यवेक्षिका फिरोजा बानो, रीता देवी, उषा कुमारी, प्रखंड समन्वयक सुनीता कुमारी भी उपस्थित रहीं.
योजनाओं की वास्तविकता का लिया गया जायजा
आंगनबाड़ी केंद्र पर दी जा रही सेवाओं में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, आंगनबाड़ी केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं सुविधाएं, पेयजल व शौचालय सुविधाएं, खेलकूद एवं पोषाहार वितरण की समीक्षा हुई. समेकित बाल विकास परियोजना आंगनबाड़ी केंद्र पर दी जाने वाली सभी सेवाओं को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए वर्ष में दो बार सामाजिक अंकेक्षण किया जाता है.
सोशल ऑडिट की मदद से आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली सभी सेवाओं को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए सामाजिक अंकेक्षण समिति में समुदाय आधारित संस्था एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्य की भागीदारी जाती है. जिसको लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों के द्वारा अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जाती है.