जिले की सभी आशा हर सप्ताह एक-एक टीबी के लक्षण वाले मरीज की कराएं जांच : जिला पदाधिकारी

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

बक्सर : जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में टीबी मुक्त पंचायत पहल को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों के साथ समाहरणालय परिसर स्थित कार्यालय कक्ष में बैठक आहूत की गई। जिला पदाधिकारी महोदय ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों और कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।

जिला पदाधिकारी महोदय ने अब तक के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि टीबी मुक्त पंचायत बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि इस अभियान में पंचायतों के बीच स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा बने। राज्य सरकार ने टीबी मुक्त पंचायत की सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों को शामिल करने का निर्णय लिया है। ताकि पंचायत स्तर पर टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में लोगों को शामिल किया जा सकेे। साथ ही पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तिकरण किया जाएगा। जिससे टीबी की समस्याओं को और भी बेहतर ढंग से समझ कर आकलन किया जा सके।

जिला पदाधिकारी महोदय ने कहा कि गाइडलाइन्स का पालन करते हुए सभी प्रखंडों में दो-दो पंचायतों का चयन करें। जहां पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायती पदाधिकारी, सीडीपीओ, जीविका दीदी समूह एवं चयनित पंचायतों के निर्वाचित सदस्यों को टीबी मुक्त पंचायत पहल से अवगत कराया जाए। जिसकी जिम्मेदारी सभी एमओआईसी की है।बीएचएम या बीसीएम करेंगे कार्यक्रम का अनुश्रवण करते रहेंगे।

जिला पदाधिकारी महोदय ने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत पहल के लिए सबसे जरूरी है कि इसमें प्रखंड स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक के अधिकारियों और कर्मियों को शामिल किया जाए। जिसमें चयनित ग्राम पंचायतों की सभी एएनएम, आशा कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, जीविका समूह, टीबी चैंपियन व पंचायती राज सदस्यों को शामिल किया जाएगा। साथ ही सभी को प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ प्रशिक्षण दिया जाए। जिसमें आरबीएसके की टीम भी शामिल हो।

- Advertisement -

जिला पदाधिकारी महोदय ने सिविल सर्जन बक्सर को प्रखंड स्तर पर एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। जो टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम में किए जा रहे कार्यों की निगरानी व अनुश्रवण करेंगे।

सिविल सर्जन ने सभी प्रखंडों के बीसीएम या बीएचएम को नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त करने की बात कही। जो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह अपने स्तर पर कार्यों से अवगत कराते हुए समीक्षा करेंगे और संचारी रोग पदाधिकारी को रिपोर्ट करेंगे एवं हर माह सिविल सर्जन और सीडीओ कार्य की समीक्षा करेंगे।

जिला पदाधिकारी महोदय ने सिविल सर्जन और संचारी रोग पदाधिकारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक माह टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम की समीक्षा करें और उसके प्रखंडवार प्रतिवेदन जिला मुख्यालय को समर्पित करेंगे। साथ ही, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने स्तर से यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी आशा कर्मी हर सप्ताह अपने अपने क्षेत्र में कम से कम एक टीबी के लक्षण वाले मरीज की बलगम जांच कराना सुनिश्चित करेंगी।

जिला पदाधिकारी महोदय ने सभी एसटीएलएस को निर्देशित किया कि टीबी पंचायत पहल कार्यक्रम के तहत संग्रहित हुए बलगम सैंपल की जांच संबंधित प्रयोगशाला प्रावैधिक से कराना सुनिश्चित करें। वहीं सभी एसटीएस चयनित पंचायत में इलाजरत मरीजों को निक्ष्य पोषण योजना का शत प्रतिशत लाभ दिलाना एवं ड्रग इंस्पेक्टर के माध्यम से निजी मेडिकल दुकानों पर एच-1 रजिस्टर जांच कराना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही गाइडलाइन के अनुसार सभी एमओआईसी अपने स्तर से संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 10 प्रतिशत मरीजों का बलगम जांच कराएंगे। जिससे जांच का दायरा बढ़ाया जा सके।

बैठक में अपर चिकित्सा पदाधिकारी-सह-सीडीओ, डीआईओ, डब्ल्यूएचओ के एनटीईपी कंसल्टेंट, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी, जिला स्तर व डीटीसी के अधिकारी व कर्मी मौजूद रहें।

- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें