अक्षय नवमी पर महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा, परिवार की सुख, समृद्धि और संतान सुख की कामना की

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डुमरांव. अक्षय नवमी पर महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा कर परिवार की सुख, समृद्धि और संतान सुख की कामना की. वृक्ष के नीचे प्रसाद ग्रहण किया गया. अक्षय नवमी पर सुबह से महिलाओं की भीड़ नगर परिषद क्षेत्र के राजेश्वर मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर, जंगली नाथ शिव मंदिर, नगर पंचित काली मंदिर, नगर देवी मां डुमरेजनी मंदिर परिसर स्थित आंवला वृक्ष के पास जुटने लगी थी. महिलाएं घरों से पसंदीदा भोजन तैयार कर आंवला वृक्ष के नीचे पहुंचीं. पूजा के बाद सपरिवार आंवला वृक्ष के नीचे प्रसाद ग्रहण किया. इस मौके पर उषा मिश्रा, शैल देवी, आशा मिश्रा, स्नीग्धा सिद्धार्थ, स्नेहा सुधा तिवारी, अनु मिश्रा, रश्मिी त्रिपाठी, डा. पम्मी राय, अनिता यादव, आरती केसरी सहित कई महिलाएं मौजूद रहीं.

अक्षय नवमी के महत्व के बारे में छठिया पोखरा स्थित काकी जी मंदिर के पुजारी नवीन कुमार मिश्रा, राजेश्वर मंदिर के पुजारी मुकुंद माधव मिश्रा, मुकुल मिश्रा, लक्ष्मीकांत मिश्रा उर्फ काका ने बताया कि आंवला में तमाम रोगों से लड़ने की क्षमता होती है. इसके वृक्ष के नीचे भोजन करने से गंभीर रोगों से छुटकारा मिलता है. शरीर स्वस्थ रहता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष का पूजन करते, उन्हें धन की प्राप्ति होती है. सभी मनोकामना पूरी होती हैं. कहां जाता है कि आंवला के वृक्ष में अक्षय नवमी के दिन सभी देवी-देवता विराजते हैं. पूजन से सभी देवी-देवताओं की पूजा का पुण्य प्राप्त होता है. महिलाएं पुजन के दौरान आवला वृक्ष की परिक्रमा की.

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