मोतिहारी। कृमि संक्रमण के कारण बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। इसके कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है, थकावट हो जाता है। वही भोजन करने के बाद भी पोषक तत्व शरीर को नहीं मिल पाते हैं- इससे बचाव के लिए एल्बेंडाजोल की दवा जरूर खानी चाहिए। ये बातें राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर केंद्रीय विधालय में बच्चों को कृमि की दवा खिलाते हुए जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहीं। उन्होंने बताया कि साल में दो बार सभी को कृमि की दवा खानी चाहिए, इसके उपयोग से शरीर कृमि के प्रभाव से सुरक्षित व सेहतमंद रहता है।
स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में खिलाई जा रही है कृमि नाशक दवा
सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि बच्चों और बड़े दोनों में हुकवर्म, टैप वर्म व अन्य प्रकार के कृमि हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए कृमि नाशक दवा खानी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिले में आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 01 से 19 साल तक के बच्चों को स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में 30 लाख 30 हजार 409 बच्चे को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है।
11 नवंबर को मॉप अप राउण्ड का होगा आयोजन
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा व डीसीएम नन्दन झा ने बताया कि आज कृमि मुक्ति दिवस पर 7 नवंबर को एवं 11 नवंबर को मॉप अप राउंड आयोजित कर बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए लिए पहले से ही सारी तैयारियां कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पेट में कृमि होने से बच्चों को कई तरह की समस्या हो सकती है। ऐसे लक्षण के प्रति माता-पिता को जागरूक रहना चाहिए।
सभी प्रखंडो मे चलंत चिकित्सक दलों ने खिलाई दवा
रेशम देवी पोजेक्ट कन्या +2 विद्यालय रामगढ़वा सहित, ढ़ाका, घोड़ासहन, मोतिहारी सदर प्रखंड, रामगढ़वा, सहित कई प्रखंडो में चलंत चिकित्सक दल द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस के अवसर पर शिक्षक, शिक्षिकाओं के सहयोग से छात्र, छात्राओं को एलबेन्डाजोल की दवा खिलाई गई।
उल्टी या मिचली महसूस होने पर घबराएँ नहीं
मोतिहारी सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि यदि दवा खाने के बाद उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं है। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सिरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब ठीक हो जाता है। इस मौके पर आईसीडीएस डीपीओ, डीसी, केयर डिटीएल, डीपीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, विद्यलयों के प्रधानाध्यपक, सिफार के डीसी, यूनिसेफ के डीसी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।