मोतिहारी। जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आशुतोष शरण की अध्यक्षता में मोतिहारी के आई एम ए हॉल में जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के उद्देश्य से निजी स्वास्थ्य संस्थानों के नोडल अधिकारी, स्त्री एवं प्रसूति चिकित्सक एवं अस्पताल प्रबंधक व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी भानु शर्मा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन द्वारा हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम में निजी स्वास्थ्य संस्थानों का पंजीकरण करते हुए उन संस्थानों द्वारा संस्थागत प्रसव के आंकड़ों की प्रविष्टि कैसे करनी है, इसकी विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि जिले का संस्थागत प्रसव का प्रतिशत बढ़े और मातृ मृत्यु दर में कमी आए।
राज्यस्तरीय प्रतिनिधि ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
कार्यशाला में राज्य स्तर से आए हुए टीआरआईएफ के प्रतिनिधि डॉ प्रशांत कुमार एवं इरशाद अहमद ने डॉक्टरों को बताया कि होम डिलीवरी को भी सरकार द्वारा जारी पोर्टल पर अपलोड करना है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में करीब 1 लाख 75 हजार प्रसुता का रजिस्ट्रेशन होता है। मगर प्रसव सरकारी अस्पताल में 40 प्रतिशत ही हो पाता है। 60 प्रतिशत प्रसव जो निजी संस्था या होम डिलेवरी होता है उसका आंकड़ा सरकार को नहीं मिल पाता है। इससे यहां जन्म लेने वाले बच्चे व बच्चियों के बारे में पता नहीं चल पाता। अब जन्म की जानकारी के साथ ही कितने बच्चों की किस कारण से मौत हुई, इसकी जानकारी लेने और हो रहे मौत पर नियंत्रण के लिये निर्देश जारी किया गया है। इस मौके पर जिला स्वास्थय समिति से जिला सामुदायिक उत्प्रेरक डीडीए, सीएस, डीसीएम, एसएनसीयू के डॉक्टर, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।