प्लस टू विद्यालय मनेर, पटना के शिक्षक विलफ्रेड हेनरी को मिला “टीचर ऑफ द मंथ” का खिताब

पटना जिले के प्लस टू विद्यालय, मनेर के वरिष्ठ शिक्षक विलफ्रेड हेनरी को उनकी उत्कृष्ट शिक्षण शैली और छात्रों के प्रति समर्पण के लिए “टीचर ऑफ द मंथ” के खिताब से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के अनुकरणीय योगदान को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है।
शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान
विलफ्रेड हेनरी पिछले 18 वर्षों से शिक्षण कार्य से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में गणित और विज्ञान विषयों के शिक्षक हैं। उनकी शिक्षण पद्धति छात्रों को जटिल विषयों को सरलता से समझाने के लिए जानी जाती है। वह नियमित रूप से अतिरिक्त कक्षाएं लेते हैं और छात्रों को परीक्षाओं के लिए विशेष तैयारी करवाते हैं।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डाॅ राम रतन प्रसाद ने कहा, “हेनरी सर छात्रों के प्रिय शिक्षक हैं। उनका पढ़ाने का तरीका बेहद रोचक और व्यावहारिक है, जिससे छात्र विषय को बेहतर समझ पाते हैं। उनके मार्गदर्शन में विद्यालय के कई छात्रों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।”
सम्मान समारोह में खुशी का माहौल
“टीचर ऑफ द मंथ” पुरस्कार पाने के बाद विद्यालय में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें हेनरी सर को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक, छात्र और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सम्मान प्राप्त करने के बाद विलफ्रेड हेनरी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “यह पुरस्कार न केवल मेरा सम्मान है, बल्कि पूरे विद्यालय के लिए गर्व की बात है। मेरा प्रयास हमेशा यही रहेगा कि मैं छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करूं और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए मार्गदर्शन करता रहूं।”
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
हेनरी सर के सम्मान से छात्र बेहद खुश हैं। 12वीं कक्षा की छात्रा सपना गुप्ता व वंदना कुमारी ने कहा, “सर का पढ़ाने का तरीका बहुत अलग है। वह हमें हर कॉन्सेप्ट को प्रैक्टिकल उदाहरणों से समझाते हैं, जिससे हमें परीक्षा में काफी मदद मिलती है।”
उनकी इस उपलब्धि पर अभिभावकों ने भी खुशी जताई और शिक्षा विभाग से आग्रह किया कि ऐसे समर्पित शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए और भी पहल की जाए।
शिक्षा विभाग की पहल
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि “टीचर ऑफ द मंथ” पुरस्कार का उद्देश्य शिक्षकों को उनके बेहतरीन कार्य के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलेगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
निष्कर्ष
विलफ्रेड हेनरी को मिला यह सम्मान न केवल उनके शिक्षण कौशल की पहचान है, बल्कि यह पूरे शिक्षा जगत के लिए प्रेरणा भी है। उनकी सफलता से अन्य शिक्षक भी प्रेरित होंगे और शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगे।