सीतामढ़ी। जिस तरह कैंसर एक लाइलाज बीमारी है, ठीक उसी तरह फाइलेरिया या हांथीपांव भी लाइलाज बीमारी है। कैंसर को हम लक्षण के आधार पर पकड़ सकते हैं, सर्वाइकल कैंसर के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। इससे इतर फाइलेरिया से बचने के लिए एकमात्र उपाय सर्वजन दवा सेवन के तहत दवा का सेवन करना है। जिसे 10 फरवरी से शुरु किया जा रहा है। ये बातें जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने गायनी सोसाइटी की एक सभा में कही।
डॉ यादव ने कहा कि फाइलेरिया के लक्षण उभरने में कम से कम आठ से 10 साल लगते हैं, जिससे बीच के दौरान उसकी पहचान मुश्किल है। इसकी जांच के लिए रात में रक्त के नमूने लिए जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति लगातार पांच साल सर्वजन दवा सेवन के तहत दी जाने वाली दवाओं का सेवन करता है तो उसमें फाइलेरिया के परजीवियों का प्रजनन लगभग रुक जाता है और फाइलेरिया की संभावना कम हो जाती है।
वर्ल्ड नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज दिवस के अवसर पर हुए विभिन्न कार्यक्रम
डॉ रविन्द्र यादव ने कहा कि नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज के अवसर पर शहर में जिला भीबीडीसी विभाग के तहत फाइलेरिया पर जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके तहत सीतामढ़ी के विधायक डॉ मिथिलेश कुमार मेयर रौनक जहां, उपमेयर आशुतोष कुमार नगर आयुक्त प्रमोद कुमार पांडे ने साथ मिलकर जिले को फाइलेरियार मुक्त सीतामढ़ी बनाने का संकल्प लिया। वहीं नर्सिंग कॉलेज में भी नर्सिंग छात्राओं के बीच फाइलेरिया को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया।
एसएसबी और जेल में भी होगा दवा वितरण
डॉ रविन्द्र कुमार ने कहा कि 10 फरवरी से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत आवासीय विद्यालय, पुलिस लाइन,एसएसबी कैंप और जेल में भी फाइलेरिया की गोली खिलाई जाएगी। सभी लोगों को दवा खिलाने का मुख्य मकसद फाइलेरिया के परजीवी का प्रसार रोकना है।