शिवहर : टीबी मरीजों का रखा जा रहा ख्याल, इलाज के साथ दी जा रही है आर्थिक सहायता

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शिवहर। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से जिले में टीबी उन्मूलन अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला यक्ष्मा केंद्र के कर्मी कड़ी  मेहनत कर रहे हैं। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. जेड जावेद ने बताया कि एकजुट प्रयास से किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है। इसी जोश और जज्बे के साथ स्वास्थ्य कर्मी जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हाल के दिनों में टीबी मरीजों की पहचान, जांच, उपचार, काउंसलिंग आदि में तेजी आई है।

टीबी मरीजों का हौसला बढ़ा रहे स्वास्थ्य कर्मी

जिले में कोई मरीज इलाज से वंचित न रह जाए और टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल किया जाए, इसके लिए कर्मी दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में जा रहे हैं। कर्मी टीबी मरीजों से मिल रहे हैं। उन्हें समझा रहे हैं, ताकि उनका हौसला बढ़ा रहे। इसके साथ ही अभियान को मजबूती देने के लिए जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। 

जनप्रतिनिधियों से लिया जा रहा सहयोग

सीनियर डॉट प्लस टीवी सुपरवाइजर सुधांशु शेखर रौशन ने बताया कि जिले में टीबी की विश्वसनीय जांच व सम्पूर्ण इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए जैसे ही आपको टीबी के लक्षण दिखें , न घबराएं व लजाएं। सीधे निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाएं और डॉक्टर से सलाह व मुफ्त में दवा लेकर इसका सेवन शुरू कर दें। अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें  से कोई भी लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें। इससे हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए जनप्रतिनिधियों और आम लोगों से मदद ली जा रही है।

टीबी के लक्षण

– दो हफ्ते या अधिक समय तक खांसी आना

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– रात में पसीना आना

– लगातार बुखार रहना

– थकावट होना और सांस लेने में परेशानी होना

– वजन घटना

बचाव के उपाय

– जांच के बाद टीबी रोग की पुष्टि होने पर दवा का पूरा कोर्स लें

– मास्क पहनें तथा खांसने या छींकने पर मुंह को पेपर नैपकीन से कवर करें

– मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें।

– मरीज हवादार और अच्छी रौशनी वाले कमरे में रहें। 

– पौष्टिक खाना खाएं। योगाभ्यास करें।

– बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तम्बाकू, शराब आदि से परहेज करें।

सरकार की ओर से पहल और सहायता

– सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच और इलाज

– छह माह की दवा बिल्कुल मुफ्त

– जांच में रोग की पुष्टि होते ही मरीज को पौष्टिक भोजन के लिए निक्षय योजना के तहत छह माह तक 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।

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