सीतामढ़ी : सीतामढ़ी राज्य का पहला जिला जहां सभी ब्लॉकों में फाइलेरिया क्लिीनिक

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सीतामढ़ी। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार फाइलेरिया रोगियों के उपचार एवं जीवन को सरल बनाने में जुटा है। इसी क्रम में गुरूवार को बैरिगनियां में जिले के 17वें फाइलेरिया क्लीनिक की शुरूआत की गयी। इसके बाद सीतामढ़ी राज्य का पहला ऐसा जिला हो गया है जिसके सभी ब्लॉकों में फाइलेरिया क्लीनिक खुल चुका है। मालूम हो कि फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए जिला लगातार नए नवाचार करता रहा है। जिस माइक्रो प्लान के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को चलाया जाता है, राज्य में वह डॉ रविंद्र कुमार यादव की ही देन है। फाइलेरिया रोग उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन के पहले नाइट ब्लड सर्वे को सबसे अच्छे तरीके से चलाने का श्रेय भी जिला के भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव को ही जाता है।

इस शुरुआत के मौके पर डॉ रविन्द्र ने कहा कि 16 अगस्त को जिले में पहला फाइलेरिया क्लीनिक खोला गया था, चार महीने के भीतर हमने 17 वां क्लीनिक भी खोल लिया। यह क्लीनिक उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो फाइलेरिया से ग्रसित हैं। यहां वह अपना उपचार तो करा ही पाएंगे, उन्हें विभिन्न तरह के व्यायाम व तकनीक भी बताई जाएगी, जिससे उनका जीवन आसान हो जाएगा । इसके अलावा क्लीनिक के माध्यम से लोगों में फाइलेरिया के बारे में जागरूकता भी फैलेगी। 

फाइलेरिया क्लीनिक का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक होगा विस्तार

डॉ रविन्द्र ने कहा कि फाइलेरिया रोगियों में अपगंता भी देखी गयी है। ऐसे में उनका गांव से निकलकर दूसरे क्षेत्रों में जाना थोड़ा असहज हो जाता है। उसे ध्यान में रखते हुए हमने फाइलेरिया क्लीनिक का विस्तार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक करने का प्लान किया है, ताकि अपने ही क्षेत्र में उनको वह सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जिसके लिए उन्हें कई किलोमीटर जाना होता था। इसके अलावा  सदर अस्पताल में भी रेफरल फाइलेरिया क्लीनिक की बात चल रही है। इसके लिए जगह भी देख लिया गया है। जल्द ही फाइलेरिया क्लीनिक का विस्तार हो जाएगा।

नए रोगियों की होगी खोज

डॉ रविन्द्र ने कहा कि फाइलेरिया के नए रोगियों की खोज के लिए जीविका की सहायता ली जाएगी। इसके अलावा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान डोर -टू -डोर फाइलेरिया रोगियों की खोज होगी। इससे फाइलेरिया रोगियों की संख्या में तो इजाफा होगा, पर यह रोग के प्रसार को रोकने और उन्मूलन के लिए काफी सहायक सिद्ध होगा। वर्तमान में जिले में फाइलेरिया के 55 सौ चिन्हित मरीज हैं।

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