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बक्सर जिला स्थापना दिवस पर स्कूली बच्चों ने किया विरासत स्थलों का परिभ्रमण

बक्सर। बक्सर जिला स्थापना दिवस के अवसर पर जिले के सैकड़ों स्कूली बच्चों ने विभिन्न ऐतिहासिक विरासत स्थलों का परिभ्रमण कर अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास को जाना। जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा विभिन्न विद्यालयों को निर्देशित किया गया कि वे अपने विद्यार्थियों को इन ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण हेतु भेजें।

इस परिभ्रमण कार्यक्रम के संयोजक एवं सीताराम उपाध्याय संग्रहालय के प्रभारी डॉ. शिव कुमार मिश्र ने बताया कि बच्चों को बक्सर जिले की ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी देने हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर विभिन्न शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया। नवरत्नगढ़ और नया भोजपुर की ऐतिहासिक विरासत पर जानकारी देने के लिए मध्य विद्यालय खिरौली, डुमरांव के शिक्षक श्री अभिजीत कुमार, मध्य विद्यालय दुरासन, सिमरी के श्री ग्रिजेश कुमार तथा मध्य विद्यालय नया भोजपुर के श्वेतांश कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं, चौसा युद्ध स्थल के ऐतिहासिक महत्व को समझाने के लिए आदर्श उच्च विद्यालय चौसा के शिक्षक श्री राजीव कुमार, हेमदास चौधरी और सत्य प्रकाश राय को नियुक्त किया गया।

सीताराम उपाध्याय संग्रहालय, बक्सर में बच्चों को संग्रहालय प्रभारी द्वारा वहां की कलाकृतियों और ऐतिहासिक धरोहरों की विस्तृत जानकारी दी गई। बिहार राज्य अभिलेखागार के पूर्व अभिलेख पदाधिकारी डॉ. जवाहर लाल वर्मा ने भी बच्चों को विरासत स्थलों के ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया। संग्रहालय खुलने के साथ ही स्कूली बच्चों की लंबी कतारें परिभ्रमण के लिए उमड़ पड़ीं।

बक्सर के प्रमुख विद्यालयों—एम.पी. हाई स्कूल, विश्वामित्र प्राथमिक मध्य विद्यालय, चरित्र वन, जवाहर मध्य विद्यालय, आदर्श शिशु मध्य विद्यालय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, बक्सर हाई स्कूल, एस.एस. गर्ल्स हाई स्कूल, प्लस टू नेहरू स्मारक उच्च विद्यालय, प्लस टू इंदिरा हाई स्कूल, बिहार सेंट्रल स्कूल, एल.बी.टी. कॉलेज, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सारिमपुर, सरस्वती शिशु मंदिर रामरेखा घाट, आदर्श मध्य विद्यालय नया बाजार, उत्क्रमित हाई स्कूल कृतपुरा आदि के छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इसी तरह, चौसा युद्ध स्थल के परिभ्रमण में आदर्श उच्च विद्यालय चौसा सहित अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लेकर इस ऐतिहासिक स्थल के महत्व को समझा। नया भोजपुर स्थित राजा भोज का किला, जिसे नवरत्नगढ़ भी कहा जाता है, वहां भी स्थानीय विद्यालयों के बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया और इसके इतिहास को जाना।

इस अवसर पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था। कार्यक्रम में अरविंद कुमार, सत्येंद्र कुमार सिंह, शिव चंद्र पासवान, सुनीता कुमारी, मनीषा कुमारी, वंदना कुमारी, श्रेया कुमारी, कुलकांत कुमार, प्रेमपाल जी, अंशू कुमारी, काजल कुमारी, संजय कुमार गुप्ता, जैनेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, ममता सिंह, सुनीता पांडेय, पूजा कुमारी, रवि कुमार, दुर्गेश बहादुर सिंह समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लियासाथ ही, संग्रहालय कर्मियों अनिकेत कुमार, मोहम्मद आशिक, रामरूप ठाकुर, अभिशेष चौबे सहित कई अन्य लोगों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग दिया। इस विरासत परिभ्रमण कार्यक्रम से बच्चों को अपने जिले के गौरवशाली अतीत को जानने और समझने का अवसर मिला, जिससे उनमें ऐतिहासिक स्थलों के प्रति जागरूकता बढ़ी।

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