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PMFME की स्वीकृति में प्रथम एवं PMEGP में जिले का 13वां स्थान, DM ने किया उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक

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बक्सर । जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक समाहरणालय परिसर अवस्थित कार्यालय कक्ष में की गई। महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र बक्सर द्वारा बताया गया कि उद्योग विभाग अंतर्गत संचालित प्राथमिकता वाले योजनाओं में बिहार राज्य में बक्सर जिला का पी०एम०एफ०एम०ई० की स्वीकृति में प्रथम एवं पी०एम०ई०जी०पी० में 13वां स्थान है।

जिला पदाधिकारी द्वारा महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र बक्सर को निर्देश दिया गया कि कुल लक्ष्य से न्यूनतम 03 गुणा आवेदन बैंकों को निश्चित रूप से भेजेंगे तथा प्रति सप्ताह आवेदन के विरूद्ध स्वीकृति एवं वितरण का प्रतिवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे।

महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र द्वारा बैठक में उद्योग विभाग में संचालित योजनाएँ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जो निम्नवत हैः-

मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसुचित जनजाति/अति पिछडा वर्ग/महिल/युवा/ अल्पसंख्यक वर्ग उद्यमी योजना

राज्य में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अति पिछड़ा वर्ग/महिला/युवा के युवक एवं युवतियों को उद्योग स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने एवं रोजगार सृजन तथा राज्य के आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से यह योजना चलायी जा रही है,

जिसमें कुल परियोजन राशि का 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत ब्याज मुक्त ऋण (सिर्फ युवा उद्यमी योजना में 01 प्रतिशत ब्याज) देने का प्रावधान है। ऋण की वापसी अंतिम किस्त की विमुक्ति के एक वर्ष के उपरान्त 84 मासिक किस्तों में करने का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना

बिहार राज्य के लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान करने के उद्वेश्य से लघु उद्यम की स्थापन हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत 2 लाख रूपये का अनुदान तीन अगल-अलग किश्तों में दिया जाना है। इस योजना के तहत बक्सर जिला में वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल-546 लाभुकों को स्वीकृति दी गई।

इन लाभुको को प्रथम किस्त के रूप में 50 हजार रूपये की राशि दी जायगी। लघु उद्यमी की स्थापना में इस राशि का उपयोग कर उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने के बाद द्वितीय किस्त के रूप में 01 लाख रूपये की राशि दी जायेगी। इस राशि की उपयोगिता के आधार पर तृतीय एवं अंतिम किश्त के रूप में 50 हजार रूपये की राशि लाभुक को दी जायेगी।इनमें से अब तक कुल 360 लाभुकों का प्रशिक्षण कराया जा चुका है।

जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना

राज्य के अन्दर कुशल श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना अन्तर्गत लघु उत्पादन इकाईयाँ स्थापित करने हेतु प्रत्येक जिला को रू0 10.00 लाख प्रति इकाई की दर से कुल रू0 50.00 लाख रूपये उपलब्ध कराये गये हैं। प्रत्येक परियोजना के अंतर्गत न्यूनतम 10 कामगारों का समूह बनाने का प्रावधान है। इसके कार्यान्वयन हेतु जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

इसके अन्तर्गत बक्सर जिला में कुल 05 समूहों को चिन्हित कर विकसित किया जा रहा है जो निम्नवत है :- लेदर गुडस निर्माण क्लस्टर, बैदा, चौगाई, मशरूम उत्पादन क्लस्टर सारिमपुर बक्सर, मधु प्रसंस्करण क्लस्टर रसेन राजपुर, वस्त्र निर्माण क्लस्टर नया बाजार बक्सर एवं कम्बल निर्माण कलस्टर धनहा, सिमरी में सभी समूह वर्तमान में कार्यरत है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना एक केन्द्र प्रायोजित योजना है जिसके अन्तर्गत ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी इलाकों में रोजगार के अवसर सृजित करती है।

लाभ :-चयनित अभ्यथिर्यो को बैंक ऋण के रूप में कुल परियोजना राशि के मार्जिन मनी के रूप में पन्द्रह से पैतीस प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

पात्रता :- आवेदक का उम्र अठारह वर्ष या उससे अधिक होना चाहिए आवेदक कम से कम आठवी पास होना चाहिए, परियोजना के अनुसार अधिकतम 50.00 लाख रूपये उत्पादन प्रक्षेत्र एवं 20 लाख रूपये तक सेवा क्षेत्र के लिए अनुमान्य है। लाभुक अंशदान सामान्य कोटि के लिए परियोजना राशि का दस प्रतिशत एव SC/ST/महिला/अल्पसंख्यक/दिब्यांग आदि कोटि के लिए परियोजना राशि का पाँच प्रतिशत।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना

असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र अपनी भारी क्षमता के बावजूद मूल्यवर्द्धन तथा आउटपुट के संदर्भ में बहुत कम योगदान कर पाता है, इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म उद्योगों के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्यम मंत्रालय ने एक पैकेज सहायता तथा सेवाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की शुरू की गई हैं राज्य में इस योजना का संचालन खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, उद्योग विभाग, बिहार, पटना द्वारा किया जा रहा है। यह योजना 2020-21 से 2024-25 तक प्रभावी है।

पात्रता :-आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष 1 एक परिवार से केवल एक व्यक्तिनए/वर्तमान उद्यम चाहे वे निजी हों या समूहों के लिए हों।

लाभ :-व्यक्तिगत श्रेणियों के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से अधिकतम 10 लाख रूपये की सीमा के साथ क्रेडिट लिंक पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है। न्यूनतम 10 प्रतिशत योगदान लाभार्थी का और शेष राशि बैंक से ऋण लेना अनिवार्य है। किसान उत्पादक कंपनियॉ (FPCs) के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है।

खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत SHG के लिए प्रति सदस्य 40000 रूपये की कार्यशील पूंजी का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत सामान्य अवसंरचना (Common Infrastructure) के सृजन हेतु FPO/SHG सहकारी समितियों/राज्य एजेंसियों या निजी उद्यमों को सामान्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जायेगी। जैसे-सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, उष्मायन केन्द्र (Incubation centre) प्रयोगशाला, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज आदि शामिल हैं।

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