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गया : नमाज पढ़ने आये लोगों को मिली फाइलेरिया की जानकारी 

जुमा की नमाज पढ़ने आये लोगों को किया गया जागरूक

गया: जिला में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दिसंबर माह में नाइट ब्लड सर्वे किया जायेगा. इसके बाद दस फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जायेगा. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे की मदद से फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को चिन्हित किया जायेगा तथा सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान फाइलेरया से बचाव के लिए डीईसी और अल्बेंडाजोल की दवा का सेवन कराया जायेगा.

स्वास्थ्य महकमा सभी जरूरी तैयारियों में जुटा है. स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्थाओं द्वारा भी फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जागरूकता लाने का काम किया जा रहा है. इस क्रम में शुक्रवार को मानपुर के अबगिला स्थित बड़ी मस्जिद के पास जुमा की नमाज के बाद फाइलेरिया मरीजों द्वारा बनायी गयी  जानकी पेशेंट ग्रूप के सदस्य गांधी चौधरी तथा सीफार संस्था के सदस्यों द्वारा फाइलेरिया से बचाव के लिए आमजन को जागरूक किया गया.

हाथीपांव से मरीज हो जाता है लाचार

फाइलेरिया मरीज गांधी चौधरी ने लोगों को बताया कि यह रोग मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. फाइलेरिया का असर पांच से दस साल के बाद तक दिखता है. फाइलेरिया के कारण पैर या हाथ मोटा हो जाता है. अमूमन इसे हाथीपांव के नाम से जानते हैं.

इस रोग के कारण मरीज की तुरंत मौत नहीं होती लेकिन वह जीवन के लिए लाचार हो जाता है. फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों को पनपने नहीं दें. अपने आसपास की जगहों का साफ—सुथरा रखें और दिन हो रात, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करे. 

रात में फाइलेरिया ​कृमि होते हैं सक्रिय

इस दौरान बताया गया कि फाइलेरिया के कृमि रात में ही सक्रिय होते हैं. इसलिए नाइट ब्लड सर्वे की मदद से ऐसे मरीज को चिन्हित किया जाता है जिनमें फाइलेरिया के कृमि होते हैं. आमजन से नाइट ब्लड सर्वे में सहयोग दिये जाने के लिए अपील की गयी.

बताया गया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए दस फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत डीईसी और अल्बेंडाजोल दवा का सेवन कराया जायेगा. स्वास्थ्यकर्मियों का सहयोग करते हुए दवा का सेवन अवश्य करें. फाइलेरिया ग्रसित मरीज गांधी चौधरी ने कहा कि उन्हें हाथीपांव के कारण काफी परेशानी होती है. फाइलेरिया के कारण होने वाले हाथीपांव से बचाव का एकमात्र उपाय सर्वजन दवा सेवन ही है.

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