पटनाबिहारशिक्षा

पटना में भव्य रूप से आयोजित हुआ “टीएफएम राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह 2025”, पूर्वी चंपारण के 22 शिक्षकों को मिला सम्मान

पटना। बिहार विधान परिषद उप भवन सभागार में रविवार को “द टीचर्स फ्यूचर मेकर, बिहार मोबाइल : माई एजुकेशन बाक्स” के तत्वावधान में “टीएफएम राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह 2025” का भव्य आयोजन किया गया। समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार मंटू, पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं प्रमुख शिक्षाविद प्रो. डॉ. के. सी. सिन्हा, अदम्या अदिति गुरुकुल की संस्थापक डॉ. गुरु रहमान, तथा पटना विधि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. वाणी भूषण ने संयुक्त रूप से किया।

समारोह की शुरुआत डॉ भवानी शारदे और डॉ निशा पराशर के स्वागत गान से हुई। इसके बाद दीपिका पांडेय ने अपने गीत की प्रस्तुति से माहौल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। कार्यक्रम में बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू, एवं पटना विधि महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. वीरेन्द्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मंच संचालन वंदना कुमारी ने किया और समारोह की अध्यक्षता प्रो. डॉ. के. सी. सिन्हा ने की।

इस कार्यक्रम में देशभर से आए सैकड़ों शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह आयोजन न केवल शिक्षकों को सम्मानित करने का एक मंच था, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों और नवीन विचारों को प्रोत्साहन देने का अवसर भी बना।

मुख्य अतिथि महेश्वर हजारी, सुचना जनसंपर्क मंत्री, बिहार सरकार ने कहा, “शिक्षा समाज निर्माण की नींव है। जब शिक्षक सशक्त होंगे, तभी राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल होगा। शिक्षकों को तकनीकी संसाधनों से लैस करना जरूरी है।” वहीं, पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा, “शिक्षा ही सामाजिक बदलाव का सबसे प्रभावी माध्यम है। जब तक अंतिम व्यक्ति शिक्षित नहीं होगा, तब तक विकास अधूरा रहेगा।”

पटना की मेयर सीता साहू ने कहा कि “शिक्षक केवल ज्ञान के संवाहक नहीं, बल्कि समाज के निर्माता हैं। नीति निर्माण में उनकी भागीदारी जरूरी है।” अध्यक्षीय भाषण में डॉ. के. सी. सिन्हा ने कहा, “शिक्षा को केवल नौकरी पाने का साधन न मानकर जीवन निर्माण का माध्यम बनाया जाना चाहिए।”

शिक्षाविद डॉ. गुरु रहमान ने शिक्षकों को तकनीकी रूप से अद्यतन रहने का संदेश दिया। वहीं मंच संयोजक डॉ. एस के पांडेय ने कहा कि “शिक्षा को व्यवहारिकता के साथ आत्मसात करना आज की जरूरत है।” धन्यवाद ज्ञापन संस्था के संस्थापक सुरेश कुमार ने किया।

आयोजन समिति में रंजू कुमारी, वंदना कुमारी, प्रतिमा कुमारी, अंजलि, मोहम्मद समी अख्तर समेत कई गणमान्य सदस्य शामिल थे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समारोह में पूर्वी चंपारण जिले के 21 शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें शामिल हैं:

  1. वंदना कुमारी – NPS बरमदिया, इज़माल चकिया
  2. भारत भूषण आज़ाद – UMS सिरनी, अरेराज
  3. मोहम्मद समी अख़्तर – UMS चितहां, बंजरिया
  4. संजीव कुमार बब्लू – राजकीय मध्य विद्यालय सेमरा, बंजरिया
  5. मो. जावेद मेराज – NPS गोखुला
  6. सोहराब आलम – UHS कुकुरजरी
  7. शबनम फैयाज – UMS कुम्हरार, फेनहरा
  8. सारिका तिवारी – UMS चिचोरोहिया, बंजरिया
  9. सुखल राउत व हमीदा खातून – UMS भेल छपरा, बंजरिया
  10. अमर कुमार – NPS छेनी छपड़ा, तेतरिया
  11. अब्दुल कलाम – तेतरिया
  12. विजय कुमार – चकिया
  13. मोहम्मद वहदत फैजी – UMS धरमुहा कॉलोनी, मोतिहारी
  14. राकेश कुमार पासवान – UHS टोनवा, घोड़ासहन
  15. डॉ. अनीता देवी – UMS जमुनिया, घोड़ासहन
  16. रत्ना कुमारी – +2 हाई स्कूल शिरौना, चिरैया
  17. अर्चना रानी – GMS चकिया
  18. मोहम्मद नूरुल होदा – GPS बसतपुर, आदापुर
  19. मोहम्मद मुमताज़ अंसारी – NPS मोहम्मदपुर
  20. चांदनी – UMS कपूरपकड़ी, चिरैया
  21. सरोज भारती – ढाका
  22. रोशनी कुमारी – रक्सौल

सभी शिक्षकों को समारोह में प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह आयोजन इस बात का प्रतीक बना कि जब शिक्षक सशक्त होंगे, तब समाज भी सशक्त होगा। समारोह ने शिक्षा को बदलाव का हथियार बनाने का स्पष्ट संदेश दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *