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अब टीबी मरीजों की होगी एक साथ 16 प्रकार की जाँच : डॉ रमेश चंद्रा 

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टीबी मुक्त अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मियों का हुआ प्रशिक्षण 

बेतिया। टीबी मुक्त अभियान के तहत राजड्योढी कैंपस बेतिया में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह संचारी रोग एवं यक्ष्मा नियंत्रण अधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया डॉ रमेश चंद्रा की अध्यक्षता में एसटीएस एवं एसटीएलएस के टीबी मरीजों की जाँच के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

डॉ रमेश चंद्रा ने बताया कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी मरीजों की मृत्यु से बचाव को अब एक साथ 16 प्रकार की जाँच की जाएगी। इसमें बीपी, वजन, शुगर, पल्स, छाती का एक्स रे, एचआईवी आदि की जाँच होगी। इससे मरीज के अंदर की कमियों की जानकारी होगी, कम समय में उनके स्वास्थ्य का डिटेल्स पता चलेगा और टीबी के साथ ही अन्य बीमारियों का पता चलने पर स्वस्थ किया जा सकेगा।

बैठक में प्रखंडवार टीबी नोटिफिकेशन, एचआईवी, डीबीटी, एनपीवाई, पीएमडीटी, आउटकम कॉन्सेन्ट, निक्षय औषधि करेंट स्टेटस के साथ सभी प्रकार की रिपोर्ट के साथ ही टीबी मुक्त पंचायत के पहल से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

टीबी मरीजों की करें खोज

टीबी मरीजों की खोज के लिए आशा व स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देशित किया गया कि घर-घर जाकर लोगों के टीबी के लक्षण का पता लगाएं। 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी, बुखार होने पर उनको स्वास्थ्य केंद्र लाकर जाँच कराएँ। सर्वे के दौरान टीबी के लक्षणों वाले मरीज एवं टीबी के इलाजरत मरीजों की कॉन्टैक्ट लिस्ट तैयार करें।

वर्ष 2025 तक जिले को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसको लेकर जिला टीबी केंद्र द्वारा जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। सर्वे के दौरान चिह्नित मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो उनका निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते हुए इलाज शुरू करें। साथ ही, उनके परिवार के सभी सदस्यों की भी टीबी की जांच कराएँ, ताकि, टीबी के प्रसार को चिह्नित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान गांव के लोगों को सरकार द्वारा राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी जानी है। ताकि लोगों में जागरूकता आ सके। डॉ चंद्रा ने बताया कि जिले में टीबी मरीजों की पहचान से लेकर नि:शुल्क दवा वितरण एवं निक्षय योजना के तहत मरीजों को मिलने वाले लाभ को सुनिश्चित करें, ताकि टीबी को जल्द से जल्द समाप्त किया जा सके।

मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह संचारी रोग पदाधिकारी डॉ चेतन जायसवाल, जिला यक्ष्मा केंद्र के सूर्य नारायण साह एवं एसटीएस तथा एसटीएलएस व अन्य कर्मी उपस्थित थे।

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