बंजरिया के मध्य विद्यालय सेमरा में अंग्रेजी शिक्षा की नई पहल, शिक्षक और छात्र सम्मानित

बंजरिया (पूर्वी चंपारण)। मध्य विद्यालय सेमरा में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए शिक्षक संजीव कुमार बबलू ने एक अनोखी पहल की। उन्होंने अपने क्लास रूम में बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। वीडियो में बच्चे आत्मविश्वास के साथ अंग्रेजी में बातचीत करते नजर आए, जिससे स्थानीय लोग और अन्य शिक्षक भी प्रेरित हुए।
शिक्षक की इस पहल का असर इतना सकारात्मक रहा कि अगले ही दिन एक छात्र ने अपने क्लास रूम में अपने सहपाठियों को अंग्रेजी पढ़ाना शुरू कर दिया। यह देखकर विद्यालय और समुदाय में उत्साह की लहर दौड़ गई। छात्र के इस प्रयास से प्रभावित होकर बुधवार को विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान पंचायत समिति के सदस्य लक्षमण साह ने शिक्षक और बच्चों को सम्मानित किया।
ग्रामीणों ने बताया कि जब से प्रधानाध्यापक उमेश कुमार राय ने विद्यालय की जिम्मेदारी संभाली है, तब से शिक्षा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने विद्यालय की संरचना को भी बेहतर बनाने का प्रयास किया है, जिससे बच्चों को पढ़ाई के लिए एक अनुकूल वातावरण मिल रहा है।
सम्मान समारोह के दौरान विद्यालय के अन्य शिक्षक, अभिभावक और ग्रामीण भी मौजूद थे। लोगों ने शिक्षक संजीव कुमार बबलू की सराहना करते हुए कहा कि उनकी शिक्षण पद्धति से न केवल बच्चे प्रेरित हो रहे हैं, बल्कि पूरे गांव में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें अंग्रेजी में संवाद करने के लिए प्रेरित करने की इस पहल को पूरे समुदाय ने सराहा।
विद्यालय में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देखकर ग्रामीणों में उम्मीद जागी है कि आने वाले समय में यहां के बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। इस अवसर पर बच्चों ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि वे अंग्रेजी में बात करने में पहले झिझकते थे, लेकिन शिक्षक की मदद से अब वे न केवल बोल सकते हैं बल्कि अपने दोस्तों को भी सिखाने लगे हैं।
समारोह में पंचायत समिति सदस्य लक्षमण साह ने कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल आधार है, और यदि सभी शिक्षक इसी तरह समर्पण भाव से पढ़ाएं, तो गांवों में भी शिक्षा का स्तर शहरों के बराबर हो सकता है। उन्होंने विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों को भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
विद्यालय के इस सराहनीय प्रयास से यह साबित होता है कि सही मार्गदर्शन और प्रेरणा से बच्चे किसी भी भाषा को आसानी से सीख सकते हैं। इस पहल से न केवल विद्यालय में पढ़ाई का माहौल बेहतर हुआ है, बल्कि बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है, जिससे वे भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।