
पटना। बिहार दिवस पर पटना में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुंगेर जिले की शिक्षिका कृति सौम्या ने जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी रचनात्मकता और नवाचार से सबका मन मोह लिया। इस आयोजन में उन्होंने अंग्रेजी विषय पर आधारित टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) को प्रस्तुत किया, जिसे बच्चों और आगंतुकों द्वारा खूब सराहा गया।
बिहार दिवस की थीम “उन्नत बिहार, विकसित बिहार” के अनुरूप कीर्ति सौम्य ने अपनी प्रस्तुति में यह दिखाया कि किस प्रकार से बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को रोचक, सरल और प्रभावी बनाया जा सकता है। उनका स्टॉल बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा, जहां पर प्रस्तुत किए गए शिक्षण सामग्री को खेल-खेल में सिखाने की विधियों ने विशेष ध्यान खींचा।
उनकी प्रमुख गतिविधियों में “खेल-खेल में शब्द चयन” आधारित एक पजल गतिविधि थी, जिसे बच्चों ने बड़े उत्साह से खेला और सीखा। इस पद्धति से न केवल बच्चों की भागीदारी बढ़ती है, बल्कि वे शब्दों की पहचान और उपयोग भी बेहतर तरीके से कर पाते हैं। यह अभिनव प्रयास भाषा शिक्षण को रुचिकर बनाता है और बच्चों में रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है।
कृति सौम्या ने बताया कि इस मंच पर आकर वे बेहद गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, “अपने जिले का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है। मुझे खुशी है कि मेरे कार्य को सराहा गया और बच्चों ने इससे कुछ नया सीखा।”
उनकी मेहनत और समर्पण को एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) के डायरेक्टर ने भी सराहा। उन्होंने कहा कि इस तरह के नवाचार शिक्षकों की सृजनात्मकता और बच्चों के भविष्य को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होते हैं।
कार्यक्रम के दौरान राज्य भर के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने अपने-अपने विषयों पर टीएलएम प्रस्तुत किए, लेकिन कीर्ति सौम्य का कार्य विशेष रूप से ध्यान खींचने वाला रहा। उन्होंने अपने स्टॉल पर आने वाले बच्चों और आगंतुकों को न केवल गतिविधि में शामिल किया, बल्कि उन्हें इसके पीछे की शिक्षण प्रक्रिया भी समझाई।
कुल मिलाकर, कीर्ति सौम्य की प्रस्तुति ने यह सिद्ध किया कि यदि शिक्षण में नवाचार और रचनात्मकता को जोड़ा जाए, तो बच्चे तेजी से और आनंदपूर्वक सीख सकते हैं। उनके इस प्रयास ने न केवल मुंगेर जिले को गौरवान्वित किया, बल्कि राज्य स्तर पर शिक्षकों की सकारात्मक भूमिका को भी रेखांकित किया।





