शिवहर। चेहरे पर बीच-बीच में दिखाई-देने वाली मुस्कुराहट यह बताने के लिए काफी है कि मो. इब्रान अब पहले से काफी ठीक हो गया है। उसकी शारीरिक कमजोरी पहले से काफी कम हुई है। मो. इब्रान के साथ ही उसकी मां मैमुनिशा की खुशी भी झलक रही है। आखिर मां को खुशी क्यूं न हो। सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में आकर कुपोषण के शिकार उसके लाडले ने सेहत जो बना ली। यहां कुछ दिन के इलाज, पोषण आहार के खान-पान, नियमित चिकित्सकीय जांच से मो. इब्रान स्वस्थ हो रहा है। मैमुनिशा को पूरा भरोसा है कि उसका बेटा जल्द स्वस्थ हो जाएगा और हंसते मुस्कराते घर जाएगा। यह भरोसा है पोषण पुनर्वास केंद्र पर, जहां से दर्जनों बच्चों के जीवन में सेहत की बहार आयी है। कई बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटी है।
चित्रा मैडम रखती हैं अच्छे से ध्यान
बच्चों को कुपोषण से सुपोषण की ओर लाने की मुहिम में एनआरसी की डायटीशियन चित्रा मिश्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। चित्रा के दिल में ममता का अकूत भंडार है और सभी बच्चों को हृष्ट -पुष्ट देखने की चाहत। वह कुपोषित बच्चों पर अपने बच्चों की तरह प्यार लुटाती हैं। मो. इब्रान की मां मैमुनिशा ने बताया कि चित्रा मैडम उनके बेटे का अच्छे से ख्याल रखती हैं। मो. इब्रान को दवा देने से लेकर उसका उचित देखभाल और इलाज कर रहीं हैं। समय पर डॉक्टर से जांच करवाती हैं।
ठीक हो चुके हैं दर्जनों कुपोषित बच्चे
पोषण पुनर्वास केंद्र की डायटीशियन चित्रा मिश्रा ने बताया कि सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र बच्चों को न केवल नवजीवन प्रदान कर रहा है, बल्कि कुपोषण के खिलाफ बड़ा हथियार भी साबित हो रहा है। चित्रा बताती हैं कि यहां कुपोषित बच्चों को 14 से 21 दिन के लिए भर्ती किया जाता है और उनको पौष्टिक आहार व दवाएं देकर स्वस्थ व पोषित किया जाता है। बच्चों के साथ उनकी मां को भी यहां रखने का प्रावधान है। आशाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चे को लाकर यहां भर्ती कराती हैं। इस केंद्र में अब तक दर्जनों कुपोषित बच्चों का इलाज कर उन्हें स्वस्थ किया जा चुका है।