मोतिहारी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा जिले के कई प्रखंडों के बच्चों की विद्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक क्षेत्रों में चिकित्सकों द्वारा बच्चों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य की जाँच की जा रही है। इसी क्रम मे सोमवार को मेहसी, चिरैया, केसरिया, ढ़ाका सहित कई प्रखंडों में कैम्प लगाकर 300 से ज्यादा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। ताकि बच्चों में होने वाली गम्भीर बीमारियों की जांच समय पर कर उसकी पहचान की जा सके।
गंभीर मामले में पटना किया जाता है रेफर
आरबीएसके जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मनीष कुमार ने बताया कि चिकित्सकों द्वारा 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की समय-समय पर रूटीन चेकअप की जाती है, जिसमें कई प्रकार की बीमारियां देखने को मिलती है। इस प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल मोतिहारी में रेफर किया जाता है। इसके बाद वैसे बच्चों की सरकार की तरफ से मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाती है। गंभीर मामले में बच्चों को आईजीएमएस पटना रेफर भी किया जाता है। ताकि बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सके।
आंगनबाड़ी व विद्यालयों में की जाती है स्क्रीनिंग
सीएस डॉ अंजनी कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार बाल हृदय योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। बच्चों में होने वाले कुल 41 रोगों के निःशुल्क इलाज का प्रावधान है। इनमें चर्म रोग, दांत व आंख संबंधी रोग, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं।
बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिए आरबीएसके टीम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। शून्य से छह साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्रों में छह से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नियमित अंतराल पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि आरबीएसके के तरत 41 तरह की बीमारियों का इलाज होता है। जो बिल्कुल ही नि:शुल्क है।