मोतिहारी। सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि फाइलेरिया परजीवी मादा क्यूलेक्स मच्छर के जरिए शरीर में फैलता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रस्त कर देते हैं। इस बीमारी के लक्षण शरीर में प्रवेश के कई वर्षों बाद दिखाई देते हैं जो हाथी पांव, हाइड्रोसील आदि के रूप में प्रकट होते हैं। इससे बचाव को लेकर सरकार समय समय पर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दवा खिलाती है जिसका सेवन सभी लोगों को बेझिझक करना चाहिए।
एमडीए कार्यक्रम चला लोगों को खिलाई जाएगी दवा
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व सत्यनारायण उराँव ने बताया कि जिले भर में नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 16 हजार 800 लोगों की रक्त की जाँच की गई थी। अब राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया नियंत्रण के निर्देशानुसार जिले में 10 फरवरी से एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा।
स्वास्थ्य कर्मियों के सामने खिलाई जाएगी दवा
डीभिडिसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एमडीए राउंड में 2 साल से अधिक उम्र के लोगों को एल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोली आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में खिलाई जाएगी। ये दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस बात को ध्यान में रखना है कि इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों,गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है।
खाली पेट ना खाएं दवा
केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने एमडीए अभियान के दौरान इस बात का खास ख्याल रखने को कहा कि कोई भी लाभार्थी खाली पेट दवा का सेवन ना करें । उन्होंने कहा कि सभी आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम घर-घर जाकर कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए एलबेंडाजोल और डीईसी की दवा अपने सामने खिलायेंगी।