बेतिया – अनियमित जीवनशैली व गलत खानपान के कारण बढ़ रही है लोगों में रक्तचाप की बीमारी : डॉ मुर्तुजा अंसारी

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बेतिया। जिलेभर के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के एनसीडी सेल में ‘विश्व उच्च रक्तचाप सप्ताह मनाया जा रहा है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य  उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को इस साइलेंट किलर को नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि अनियमित जीवनशैली व ग़लत खानपान के चलते  हाइपरटेंशन की समस्या लोगों को होने लगती है। 

गलत खानपान के कारण बढ़ रही है लोगों में रक्तचाप की बीमारी

बेतिया जीएमसीएच के एनसीडी ओपीडी में एनसीडीओ डॉ मुर्तुजा अंसारी की अध्यक्षता में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस सप्ताह का आयोजन किया गया।  जिसमें सैकड़ों लोगों की बीपी, शुगर, सहित कई प्रकार की बीमारियों की जाँच की गई।  एनसीडीओ डॉ अंसारी सहित एफएलसी एवं एनसीडी सेल के सभी कर्मचारीगण तथा कैंसर यूनिट के सभी सदस्यगण ने मरीजों की जाँच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वहीँ डॉ मुर्तुजा ने बताया कि  अनियमित जीवनशैली  एवं गलत खानपान के कारण लोगों में रक्तचाप की बीमारी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पहले इसके शिकार अधिक उम्र के लोग होते थे परंतु अब युवा वर्ग भी इसके चपेट में आ गए हैं। उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जिसे रोका जा सकता है। यह दुनिया भर में मृत्यु की एक बड़ी वजह बना हुआ है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 2017 में पूरे भारत में 22.5 मिलियन लोगों की जांच में पाया गया कि हर आठ में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप का मरीज़ है।

क्या होता है उच्च रक्तचाप

हाई ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप है। हमारे शरीर में मौजूद ख़ून नसों में लगातार दौड़ता रहता  और इसी ख़ून के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए ज़रूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज़, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है। आमतौर पर चिकित्सीय परामर्श के अनुसार 130/80 mmHg से ज़्यादा ख़ून का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।

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उच्च रक्तचाप के लक्षण

उच्च रक्तचाप एक साइलेंट किलर है। ज्यादातर लोगों में इसका कोई बाहरी लक्षण नहीं दिखता। नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, त्वचा का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों में नाक बहना कुछ ऐसे मामूली लक्षण हैं, जिन पर ध्यान नहीं देने से यह अनियंत्रित हो जाता है।

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