जन-जन का यही है नारा, मलेरिया मुक्त जिला हो हमारा

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आरा, 25 अप्रैल | विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल से अमिरचंद विद्यालय स्कूली बच्चियों के द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। जिसके माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया गया। प्रभातफेरी का नेतृत्व अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह प्रभारी जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा के द्वारा की जा रही थी। वहीं प्रभात फेरी में डीपीएम डॉ. रवि रंजन, डीएएएम अश्विनी कुमार, वीबीडीसी अजीत कुमार के द्वारा लोगों को मलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूक किया गया।

इस दौरान जन-जन का यही नारा है, मलेरिया मुक्त जिला हो हमारा, दूर होगी मलेरिया की बीमारी, जब हम सबकी होगी भागीदारी, मलेरिया से अपने परिवार को बचाओ, मच्छरदानी अपनाओ आदि स्लोगन और नारे के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही उक्त कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई और सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जाएगा।

पूरे जिले में चलाया गया जागरूता अभियान

डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर पूरे जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें विभिन्न विद्यालयों में बच्चों के द्वारा प्रभात-फेरी भी निकाली गई। सभी स्वास्थ्य संस्थानों के पदाधिकारी एवं कर्मियों द्वारा मलेरिया मुक्त समाज निर्माण के लिए शपथ दिलायी गई। लोगों ने शपथ ली कि घर के आसपास जलभराव नहीं होने देंगे और मच्छरों को पनपने से रोकेंगे। मच्छरदानी लगाकर सोएंगे, दूसरे को भी इसके लिए जागरूक करेंगे।

बुखार होने पर सरकारी अस्पताल जाएंगे और अपना पूर्ण उपचार करवाएंगे। लोगों को जागरूक किया गया कि मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढ़कने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी लगाएं। इस बात का सोने के दौरान ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी कीमत पर जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसपस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।

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मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है मलेरिया

डॉ. केएन सिन्हा ने बताया, मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।

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