सुरक्षा ही बचाव : ठंड में बढ़ जाती है संक्रामक रोगों से ग्रसित होने की संभावना
एसीएमओ ने मौसम संबंधी परामर्श के पालन करने की दी नसीहत
ठंड में नशीली चीजों का सेवन न करें, गर्म व पौष्टिक भोजन करें
बक्सर| मौसम बदल चुका है। ठंड का आगाज हो गया है। ऐसे में शाम ढलते हीं सर्दी का एहसास लोगों को महसूस होने लगता है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी कुछ दिनों में शीतलहर का प्रकोप भी शुरू होने वाला है। ऐसे मौसम में सेहत का ख्याल रखना काफी जरूरी होता है।
वहीं, लोगों से ठंड व शीतलहर से बचने की अपील की जा रही है। इस मौसम में छोटे बच्चे, बुजुर्ग, श्वास से जुड़ी बीमारियों के मरीज व गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
बढ़ती ठंड को देखते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह डीएमओ डॉ. शैलेंद्र कुमार ने लोगों को ठंड से बचने के उपाय के साथ साथ लोग क्या करें और क्या न करें, इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक सर्दी की अवस्था में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों जैसे वायरल फीवर, सर्दी खांसी, जुखाम, बहती नाक इत्यादि की आशंका बढ़ जाती है।
ऐसी अवस्था में तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें। ठंड के मौसम में मौसम संबंधी जानकारियों और परामर्श का पालन करें। वहीं, सुबह और रात के दौरान घर में रहें और कम से कम यात्रा करें। अपने आप को सूखा रखें और ऊनी कपड़े, अपने सर, गला, हाथ और पैरों को ढक कर रखें।
ठंड और प्रदूषण से बढ़ जाती है समस्या
एसीएमओ डॉ. कुमार ने बताया, ठंड के दौरान सांस की बीमारियों बढ़ जाती है। वहीं, वायु में ड्रॉपलेट्स की डेनसिट भी बढ़ जाती है। ऐसे में प्रदूषण के हानिकारक कण हवाओं में तैरते रहते हैं। जो सामान्य लोगों के साथ सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों परेशानी बढ़ा देती है। इसलिए सभी को विशेष रूप से टीबी और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को अनिवार्य रूप से मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
ताजा एवं पौष्टिक भोजन करना चाहिए
सिविल सर्जन डॉ. नाथ ने बताया, ठंड में लोगों को ताजा एवं पौष्टिक भोजन करना चाहिए। साथ ही, विटामिन- सी की प्रचुरता वाले फल और सब्जी का अधिक सेवन करें, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तथा तापमान को नियंत्रित रखती है। नियमित अंतराल पर गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें जो कि शीतलहर के दौरान शरीर के तापमान को नियत रखते है।
उन्होंने बताया कि ठंड में नशीली वस्तुओं का सेवन न करें। इसके सेवन से शरीर के तापमान में गिरावट आती और रक्त वाहिनियों में विशेष तौर पर हाथों के रक्त वाहिनियों में सिकुड़न आती है। जो लोगों के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है।
ठंड बढ़ने पर कार्डियक अटैक बढ़ जाता है खतरा
सर्दियों में बच्चों को गर्म कपड़ों का ध्यान रखें। बच्चों को पानी की पहुंच से दूर रखें, भीगने से उनके जल्दी बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है। वायरस के चलते निमोनिया की शिकायत होने पर 20 फीसदी बच्चों को ही अस्पताल में एडमिट किया जाता है और कई बच्चों में खांसी, जुकाम एलर्जी होता है। तापमान में गिरावट के साथ ही कार्डियक अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
सर्दी में रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी हो सकती है। ऐसे में जो पुराने रोगों से ग्रसित मरीज है या ऐसे मरीज जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, इस तरह के मरीजों की विशेष देखभाल की जरुरत होती है। किसी भी तरह की दिक्त होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और सावधानी सबसे बेहतर इलाज है।
इन लोगों को है ज्यादा खतरा
- टीबी के मरीज
- अस्थमा के मरीज
- उक्त रक्तचाप के मरीज
- हृदय रोगी
- बच्चे और बुजुर्ग
- ऐसे लोग जो बाइक पर ज्यादा यात्रा करत हों
- ऐसे लोग जो कि फेफड़ों की पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं जैसे निमोनिया, सीओपीडी या ब्रोंकाइटिस आदि।