सरकारी व गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों में मना सर्वप्रथम डा राधाकृष्णन की जयंती
डुमरांव. सरकारी व गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों में शिक्षक दिवस को काफी समारोह पूर्वक मनाया गया. राजगढ़ अवस्थित महारानी उषा रानी बालिका मध्य विद्यालय की बच्चियों ने योग्य और अनुभव शिक्षकों के निर्देशन में समारोह को काफी यादगार रोचक और ज्ञानवर्धक बना दिया. शिक्षिका गीता कुमारी देवी के सफल मार्गदर्शन, सभी शिक्षकों के सहयोग और उनके अनुसार छात्रों के क्रियान्वयन के फलस्वरुप यह समारोह काफी अद्भुत बन गया.
अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि पहले शिक्षक दिवस पर उन्हें एक टिकट खरीदना होता था, जिसकी राशि को शिक्षा विभाग को जमा की जाती थी. वही राशि जरूरतमंद शिक्षकों को सहयोग के तौर पर प्रदान की जाती थी. ताकि वे इसका सदुपयोग कर अपने जीवन को आसान कर सकें. शिक्षिका शीला कुमारी ने बताया कि इस दिवस पर विद्यार्थियों को शिक्षक और शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में पढ़ाने की जिम्मेवारी दी जाती थी.
अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए इसकी अनेक बातों को बताया कि किस तरीके से उन्होंने अपने सहपाठियो को पढ़ाकर अपने आप को काफी गौरवान्वित महसूस किया था. आरती कुमारी ने बताया कि उनके विद्यार्थी काल में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया किया जाता था, जिसमें सभी विद्यार्थी सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन को आधार मानते हुए, उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए सादे वेशभूषा में उनकी तरह टोपी पहनते थे और रोल प्ले करते थे.
सबने अपने-अपने अनुभवों और सृजनशीलता के द्वारा इसको यादगार बनाने की कोशिश की. कार्यक्रम की शुरुआत वरीय शिक्षिका गीता कुमारी देवी ने फीता काटकर किया. विदित हो कि इसी साल 31 दिसंबर को वो सेवानिवृत हो रही हैं तो उनकी इस अंतिम शिक्षक दिवस को यादगार बनाने की पूरे विद्यालय परिवार ने भरपूर कोशिश की थी. कार्यक्रम भाषण प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता और रोल प्ले प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.
जिसको सभी वर्ग की बच्चियों ने अपने की जान लगाकर जीवंत बना दिया. सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं, विद्यार्थियों के इस भावनात्मक समर्पण और उनके इस कार्यों से काफी आह्लादित हुए. सरकार के निर्देशानुसार सभी बच्चियों को प्रोजेक्ट आधारित विज्ञान की शिक्षा देने के अलावा सभी विषयों को रोचक और ज्ञानवर्धक तरीके से पढाने का प्रण लिया. विद्यालय की नवपदस्थापित विज्ञान शिक्षिका आकांक्षा कुमारी ने उनके डायट में हाल में ही हुए प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा के महत्व को बताते हुए इसको अविलंब लागू करने का आश्वासन दिया.
दिव्यांशु कुमार, पूनम कुमारी, शिल्पी कुमारी ने भी छात्रों के इस अप्रतिम प्रेम और स्नेह को देखते हुए अपनी जिम्मेवारियों को पूरे मनोयोग के साथ पूरा करने का आश्वासन दिया. विद्यालय की सभी शिक्षकों ने सहयोग किया. जिसमें सविता सिंह, चंचल कुमारी, दिव्यांशु कुमार, उपेंद्र कुमार दुबे और प्रभारी एचएम मो. मुस्लिम अंसारी के साथ-साथ मो. सज्जाद अंसारी, शीला, कांति, अनीता चौबे, रेखा, आकांक्षा ने अपने भरपूर सहयोग द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा.
उर्दू प्राथमिक विद्यालय कोरानसराय में बच्चों ने सर्वप्रथम डा राधाकृष्णन के तैल्यचित्र पर पुष्प अर्पित किया. एचएम इंद्रेश कुमार मिश्रा द्वारा बच्चों को शिक्षक दिवस की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिक्षक बच्चों के भविष्य का निर्माता होता है. शिक्षक तबरेज आलम ने बताया एक अच्छा शिक्षक मोमबत्ती की तरह चलकर बच्चों की जीवन को प्रकाशमय बनता है. मौके पर शिक्षा सेवक रहमतुल्लाह, बाल सांसद के छात्राओं के साथ-साथ सभी उपस्थित रहे. विद्यार्थियों में पूजा, लवली, लक्कू, रोहित, इंदल, सोनी, परी, लवली, शबनम, इमरान आदि उपस्थित रहें.