लोगों को जागरूक कर दवाओं का सेवन करा रहे हैं पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य
फॉलो अप राउंड में पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य निभा रहे हैं महत्वपूर्ण भूमिका
दवा का सेवन मना करने वालों को किया जा रहा जागरूक
आरा, 10 अक्टूबर | फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में चलाए जा रहे है एमडीए अभियान के समापन के बाद छूटे हुए लाभार्थियों के लिए फॉलो अप राउंड चलाया जा रहा है। ताकि, कोई भी लाभुक दवाओं का सेवन करने से न छूटे। इस क्रम में माइक्रो प्लान के तहत छूटे हुए बूथ और घरों को चिह्नित करते हुए विशेष अभियान के तहत लाभुकों का दवाओं का सेवन कराया जा रहा है।
जिसमें स्वास्थ्य विभाग व सहयोगी संस्थान मिलकर कार्य कर रहे हैं। वहीं, अब हाथीपांव के भी मरीज भी लोगों को जागरूक कर दवाओं का सेवन कराने में आशा कार्यकर्ताओं की मदद में उतर चुके हैं। जिले के बिहिया प्रखंड अंतर्गत दोघरा पंचायत स्थित तेघरा पंचायत में पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य गांव के रिफ्यूजल के मामलों को ब्रेक कर उन्हें दवाओं का सेवन कराने में जुटे हैं।
लाभुकों को किया जा रहा है जागरूक
पेशेंट प्लेटफॉर्म की सदस्य मोतीझरी देवी अपने वार्ड की ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन टीम के साथ छूटे हुए और दवाओं का सेवन मना करने वालों को जागरूक कर रही हैं। उन्होंने रिफ्यूजल के मामलों में लाभार्थियों को फाइलेरिया के दुष्प्रभावों और उससे होने वाली परेशानियों से अवगत कराया।
बताया कि फाइलेरिया की वहज से उनके पति तुफानी पासवान को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। पूर्व की अपेक्षा कम काम करने उनकी आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है। फाइलेरिया की वजह से उन्हें भी घर के कामों में काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति किसी और को न झेनली पड़े, जिसके लिए वो लोगों को जागरूक करने में जुटी गई हैं।
13 तक पूरा किया जाएगा लक्ष्य
बिहिया प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया, एमडीए के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों और सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधियों के कार्यों की बदौलत ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को दवाओं का सेवन कराया गया है। इस क्रम में पेशेंट प्लेटफॉर्म का गठन और एमडीए में उनकी सक्रियता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
जब इस बीमारी से ग्रसित लोग जब दूसरों को जागरूक करेंगे, तो उसका प्रभाव काफी अधिक होगा। उनकी बातों को लोग समझेंगे और दवाओं का सेवन करेंगे। फिलवक्त पेशेंट प्लेटफॉर्म का विस्तार दूसरे पंचायतों और गांवों में भी किया जाएगा। ताकि, भविष्य में एमडीए को लेकर हाथीपांव के मरीजों की सहायता से लोगों को जागरूक किया जा सके।