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बेतिया – उपलब्धि : महिला बंध्याकरण में राज्य में दूसरे स्थान पर पश्चिमी चम्पारण 

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04 से 26 सितंबर तक जिले में चला जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा

1127 महिलाओं का जिले में हुआ बंध्याकरण – डीसीएम राजेश कुमार

जागरूकता के साथ स्वास्थ्य कर्मियों की मेहनत से अभियान में मिली सफलता : सीएस डॉ दुबे 

बेतिया। “स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार बढ़ती जनसंख्या पर रोकथाम हेतु समय – समय पर लोगों को जागरूक करते हुए जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। जिसमें आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका दीदी व स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से महिला बंध्याकरण, व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है।” ये कहना है जिले के आशा समन्वयक राजेश कुमार का। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि जिले में पिछले महीने 04 से 26 सितंबर तक  जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा मनाया गया।

जिसमें महिला बंध्याकरण के मामले में पश्चिमी चंपारण (बेतिया) जिले को राज्य रैंकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। डीसीएम राजेश कुमार ने जिले में जनसंख्या स्थिरता पख़वाड़ा कार्यक्रम के तहत सभी 18 प्रखंडों के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा सारथी रथ से माइकिंग व सघन प्रचार-प्रसार अभियान चलाया गया। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत पश्चिमी चम्पारण में 1127 महिलाओं का बंध्याकरण, 704 सामान्य महिलाओं को कॉपर टी लगाया गया।

एमपीए अंतरा इंजेक्शन 778,  गर्भनिरोधक गोलियां 1198, माला एन 3292 एवं  छाया की गोली 5887, कंडोम 75419 वितरित की गईं। वहीं अभियान की सफलता पर सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे, डीपीएम अमित अचल  व अनुश्रवण पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की मेहनत से अभियान में सफलता मिली है। सीएस ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों ने दंपतियों से मिल परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए जागरूक किया है। 

महिला नसबंदी से भी सरल प्रक्रिया है पुरुष नसबंदी

डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया सरल है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में आसान है। इससे पुरुषों की पौरुषता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 

सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर मिलती है आर्थिक सहायता

डीसीएम राजेश कुमार एवं जिला अनुश्रवण पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि सरकारी अस्पताल में निःशुल्क सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाती है। जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है।

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