मन में राम रखो, जप करो, कर्म करो, धर्म करो जैसे किसान कर्म करता है तो सभी का भला होता है : मोहन भागवत

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बक्सर : अहिरौली में श्री राम कर्म भूमि न्यास सिद्धाश्रम बक्सर के तत्वधान में हो रहें सनातन संस्कृति समागम के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय संत समागम का आयोजन किया गया। जिसमें देश के विभिन्न प्रदेशों से पहुंचे विद्वान संत व धर्माचार्य शामिल हुए तथा भगवान राम की जन्मभूमि व श्री राम की प्रथम कर्मभूमि बक्सर के महत्व को बताते हुए इसे राष्ट्रीय पटल पर लाने का संदेश दिया गया।

सम्मेलन की अध्यक्षता आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने की। उन्होंने ने अपने संबोधन में कहां की संत दूसरे के लिए कार्य करते है, उनके मन में अपने लिए कुछ भी नही रहता है। इसीलिए संतो की इच्छा और वाणी का सम्मान ईश्वर भी रखते है और कहा भी गया की होइहे वही जो रामरची रखा। इच्छा पुण्य करने के लिए कर्म करना पड़ता है। पुरुषार्थ करना पड़ता है। त्याग करना पड़ता है। श्री राम ने अपने जीवन में ये सभी कार्य किए है वो चाहते तो एक क्षण में रावण की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे।

मगर समाज को संदेश देने के उद्देश्य से श्री राम ने अपने सभी सुखों का त्याग की किया। सभी लोगो को आगे करने का कार्य किया। उनके साथ सभी को कर्म करना पड़ा । कष्ट सहना पड़ा तब जाकर इस धरती को रावण जैसे कई दुष्टो से मुक्ति मिली। हम सभी को अपने लक्ष्य हेतु कर्म करना पड़ेगा, कष्ट सहना पड़ेगा। तब जाकर राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करेगा। मन में राम रखो, जप करो, कर्म करो, धर्म करो जैसे किसान कर्म करता है तो सभी का भला होता है।

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