मोतीहारी: दिल के छेद वाले बच्चों के लिए जगने वाली है नई उम्मीद
– राजधानी पटना में लगने वाला है मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना का कैंप
– आरबीएसके के तहत 43 प्रकार की बीमारियों की होती है जाँच
– जिले से 125 ह्रदय रोग से ग्रसित बच्चों को किया जा चुका है चिन्हित
मोतिहारी। बिहार में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना की शुरुआत अप्रैल 2021 में हुई थी। जिसके तहत बाल ह्रदय मरीजों की मुफ्त ऑपरेशन की जाती है। मरीजों के यात्रा, भोजन, आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है। बाल ह्रदय के मरीजों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। इस सम्बन्ध में जिले के डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ठाकुर ने बताया कि पूर्वी चम्पारण जिले में अप्रैल 2022 से जून 2024 तक दिल के छेद के 48 मरीजों की सफलतापूर्वक सर्जरी की जा चुकी है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि दिल के छेद वाले बच्चों के लिए नई उम्मीद जगने वाली है। राजधानी पटना में एक महीने के भीतर बाल हृदय योजना का कैंप आईजीआईसी अस्पताल में लगने वाला है। इसके लिए अभी तक जिले से 125 ह्रदय रोग से ग्रसित बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है। जो कि बिहार के किसी भी जिले से सर्वाधिक है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि 0 से 18 वर्ष तक के दिल के छेद का कोई मरीज है तो तुरन्त सदर अस्पताल मोतिहारी परिसर स्थित जिला आरबीएसके कार्यालय जाकर डॉ शशि, जिला समन्वयक, आरबीएस से संपर्क करें। ताकि जिले के अधिक से अधिक बच्चों की सहायता की जा सके।
0 से 18 वर्ष तक के दिल के छेद के मरीजों की निशुल्क होती है सर्जरी:
आरबीएस की डीसी डॉ शशि ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अन्तर्गत 0 से 18 वर्ष तक के दिल के छेद के मरीजों की निशुल्क सर्जरी बिहार सरकार के द्वारा करायी जाती है। आईजीआईसी पटना में बाल हृदय योजना का कैंप लगाया जाएगा जिसमें श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद के डॉक्टर पटना आकर बाल हृदय मरीजों की जांच करते हैं एवं बाल हृदय रोगियों की सूची बनाकर ले जाते हैं। तत्पश्चात् सूची के अनुसार बिहार सरकार अपने खर्च पर इन बाल हृदय रोगी बच्चों को हवाई जहाज द्वारा पटना से अहमदाबाद भेजती हैं जहाँ हृदय रोगी बच्चों की निशुल्क सर्जरी कराई जाती है। उन्होंने बताया कि आरबीएसके के तहत 43 प्रकार की बीमारियों की जाँच चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों व अन्य स्थानों पर कैम्प लगाकर समय समय पर की जाती है। जाँच के दौरान कुछ बच्चों में हृदय रोग से संबंधित लक्षण दिखाई देने पर उन्हें जिले के अस्पताल में स्क्रीनिंग की जाती है। उसके बाद ह्रदय रोग से पीड़ित बच्चों को उनके माता-पिता और जरूरी कागजातों के साथ निःशुल्क एम्बुलेंस से पटना और उसके बाद विमान से श्री सत्य साइ हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जाता है। अस्पताल में बच्चों एवं अभिभावक के रहने, भोजन, इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ श्रवण कुमार पासवान, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, जिला समन्वयक डॉ शशि, नौशाद, जावेद व अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।