डुमरांव. डीके कालेज में केमेस्ट्री विभाग के डेमोस्ट्रेटर रह चुके प्रो. विश्वेन्द्र प्रताप सिंह का असामयिक निधन हो गई है. उनके निधन की खबर से शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई. ये नुआंव गांव के पूर्व मुखिया स्व. भोलानाथ सिंह के बड़े बेटे थे, जो डीके कालेज से प्रमोशन के बाद जैन कालेज आरा केमेस्ट्री विभाग चले गए.
रिटायरमेंट के बाद से डुमरांव टेक्सटाइल कालोनी बड़ा बाग के समीप मकान में रहते थे. ब्रेन हेमरेज की वजह से अस्पताल में जीवन मौत से जूझ रहें विश्वेन्द्र प्रताप सिंह का निधन 3 अप्रैल को हो गया. बता दें कि शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले विश्वेन्द्र प्रताप सिंह कालेज में ड्यूटी बजाने के बाद बच्चों को न केवल केमेस्ट्री पढ़ाते थे.
अपने समय में कमजोर व जरूरतमंद बच्चों को न केवल पढ़ाने बल्कि जरुरत के हिसाब से आर्थिक मदद कर पढ़ाई में मदद करते रहें. उनके पार्थिव शरीर को उनके बड़े बेटे रत्नेश कुमार सिंह, जो डीआरसीसी में असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर है, ने मुखाग्नि दी है. दो बेटों में छोटा बेटा रितेश कुमार व एक बेटी पिंकी है. दामाद मनोज सिंह शोकाकुल हैं.
इनके निधन की खबर पर जदयू नेता रामबिहारी सिंह, डा. आरके पांडेय, डा. बालेश्वर सिंह, डा. शशि भूषण श्रीवास्तव, राणा प्रताप सिंह, संतोष सिंह, रमेश सिंह, राधारमण सिंह, मनोज कुमार सिंह, पारस सिंह, सीताराम सिंह प्रो. एसएन पाठक, प्रो बिक्रमदेव सिंह,
अशोक ओझा, अशोक कुमार सिंह, चिंटू सिंह, पप्पू सिंह, ब्रजेश सिंह, समाजसेवी श्याम जी प्रसाद, चन्द्रहास सिंह, मनोज सिंह, मनोज यादव, धनजन्य सिंह, पार्षद प्रतिनिधि भुटेली सिंह, कमलेश सिंह, सन्नी सिंह, संजय सिंह, संतोष सिंह आदि ने शोक व्यक्त किया है.