ठंड के मौसम में टीबी पीड़ित मरीज रखें अपना विशेष ख्याल : डॉ कन्हाई महतो

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सासाराम/ 2 जनवरी। देश से 2025 तक टीबी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार लगातार अभियान चला रही है। रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति भी टीबी उन्मूलन अभियान में अहम भूमिका निभाने में प्रयासरत है। जिले में टीबी मरीजों को खोजने के साथ साथ उनकी कॉउंसिलिंग कर उनका उचित इलाज किया जा रहा है। ताकि जिले से टीबी बीमारी को खत्म कर के देशव्यापी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा सके। जिले में प्रति महीने 500 से अधिक टीबी के लक्षण वाले लोगों की तलाश की जा रही और उनकी जांच की जा रही है। जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार पिछले तीन महीनों में जिले के विभिन्न प्रखण्डों में 1747 टीबी के लक्षण वाले मरीज पाए गए। जांच के दौरान 147 लोगों में टीबी होने की पुष्टि हुई। जिसमें सितंबर में 567 लोगों की जांच में 49 लोग टीबी के मरीज पाए गए। वहीं अक्टूबर में 567 की जांच में 39 तथा नवंबर में 613 में से 55 टीबी बीमारी से ग्रसित पाए गए। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी 1490 टीबी के मरीज के इलाजरत हैं ।

ठंढ के मौसम में लापरवाही घातक

सर्दियों के मौसम में विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस मौसम में बीमारियों से ग्रसित लोगों को जान का भी खतरा हो सकता है। ऐसे में जरूरत है कि सर्दियों के मौसम में अधिक से अधिक सावधानी बरतें। इस मौसम में टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए भी यह मौसम काफी कष्टदायक होता है। खासकर टीबी मरीज जिन्हें दमा की शिकायत होती है यदि ऐसे मरीज ठंढ से बचाव नही करेंगे तो उनके लिए यह मौसम जानलेवा भी साबित हो सकती । जिला यक्ष्मा केंद्र के डॉ कन्हाई महतो ने बताया कि मौसम का मिजाज काफी तेजी से बदल रहा है। इसके साथ ही ठंड का प्रकोप भी देखा जा रहा है। ऐसे में टीबी कारीज़ों को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ऐसे मौसम में किसी प्रकार की लापरवाही भारी पड़ सकती है।

फेफड़ों में टीबी से पीड़ित के लिए ठंड घातक

डॉ. महतो ने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है। ऐसे में ठंड से बचाव के साथ साथ उचित आहार लेना भी जरूरी है। ठंड के मौसम में फेफड़े में टीबी के मरीज के लिए काफी घातक होता है। यदि ठंड से बचने के लिए समुचित सावधानी नहीं बरती गई तो सर्द हवा एवं वायु में मिश्रित प्रदूषण के कण फेफड़ों में पहुँचकर टीबी बीमारी को और जटिल बना सकता है । उन्होंने बताया कि इस मौसम में अच्छी सेहत के लिए मौसमी फलों, हरी सब्जियों के साथ साथ भोजन में दालों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।

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