टीबी को जड़ से मिटाने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट की रणनीति पर फोकस करें : एसपीओ

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यक्ष्मा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने की जिले में एनटीईपी के कार्यों की समीक्षा

अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर की विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

बक्सर, 18 मार्च| जिले में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा को लेकर यक्ष्मा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (एसपीओ) डॉ. बीके मिश्रा ने बक्सर का दौरा किया। सोमवार को उन्होंने जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, एसटीएलएस व एसटीएस के साथ बैठक की। इस दौरान 2025 तक जिले से टीबी के खात्मे को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए उन्हें नई रणनीतियों से अवगत कराया गया।

बैठक में एसपीओ डॉ. बीके मिश्रा ने बताया कि कोविड की तरह टीबी को जड़ से मिटाने के लिए हमें थ्री टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट) की रणनीति पर फोकस करना होगा। जिससे आसानी से टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित किया जा सकेगा। एसपीओ डॉ. बीके मिश्रा ने बताया कि टीबी के साथ-साथ हमें इसके कारक बीमारियों से ग्रसित मरीजों की भी जांच करनी होगी।

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उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार एचआईवी के मरीजों में टीबी संक्रमण से ग्रसित होने की आशंका 18 गुना अधिक होती है। रिपोर्ट के अनुसार टीबी संक्रमण का खतरा शराब की लत वाले लोगों में 3.3 गुना, कुपोषित व्यक्तियों में 3.2 गुना, धूम्रपान करने वाले लोगों में 1.6 गुना तथा मधुमेह के रोगियों में 1.5 गुना अधिक होती है। इसलिए इन बीमारियों से ग्रसित लोगों में टीबी की जांच अनिवार्य करनी होगी। ताकि, टीबी के प्रसार पर काबू किया जा सके।

पंचायतों को टीबी मुक्त करना हमारा लक्ष्य

एसपीओ डॉ. बीके मिश्रा ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को गति देने के लिए टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की है। जिसमें प्रखंड स्तरीय अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों के साथ आम लोगों की भागीदारी बढ़ानी है।

इससे स्थानीय स्तर पर लोगों में जागरूकता आएगी और अधिकाधिक लोगों में टीबी की जांच सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही, पंचायतों को टीबी मुक्त करने का हमार लक्ष्य भी पूरा हो सकेगा। उन्होंने जिले में अब तक टीबी मुक्त घोषित हो चुके पंचायतों की समीक्षा की। जिसमें सभी इंडिकेटर्स पर किए गए कार्यों पर संतोष जताया।

साथ ही, उन्होंने जिले में निक्षय मित्रों बनाने पर भी चर्चा की। ताकि, अधिक से अधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पौष्टिक आहार देने के साथ उनका नियमित फॉलोअप किया जा सके।

कमियों को जल्द से जल्द किया जाएगा दूर

बैठक के बाद एसपीओ डॉ. बीके मिश्रा ने जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने बक्सर जिले में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम में बक्सर जिले का प्रदर्शन काफी बेहतर है।

लेकिन कुछ इंडिकेटर्स पर हमें मिलकर काम करना होगा। जिसमें निक्षय मित्रों के द्वारा मरीजों को गोद लेना भी शामिल है। जिस पर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने एसपीओ को आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में जो भी कमियां हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर करते हुए बक्सर जिले को सर्वप्रथम बनाया जाएगा।

इस दौरान वरीय चिकित्सा पदाधिकारी, राज्य यक्ष्मा कोषांग डॉ. रीना व डॉ. दीपाली, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय, डब्ल्यूएचओ के एनटीईपी समन्वय विज्येंद्र कुमार सौरव, डीपीसी कुमार गौरव, हेड क्लर्क मनीष कुमार श्रीवास्तव समेत सभी एमओआईसी, एसटीएस व एसटीएलएस मौजूद रहें।

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