छात्राओं को परीक्षा में सफलता व स्वयं के सुरक्षा को लेकर SDPO ने दिया टिप्स
डुमरांव. महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय में सोमवार को एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी ने नवम वर्ग की छात्राओं को परीक्षा में सफलता व स्वयं की सुरक्षा को लेकर जागरूक किया. पुलिस पब्लिक मैत्री संबंध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी एसडीपीओ ने छात्राओं से घंटो बात की. इस दौरान एसडीपीओ ने कई छात्राओं की जिज्ञासाओं, अपने संघर्ष, किस प्रकार से नौकरी की तैयारी करें सहित अन्य कई सवालों का उत्तर दिया.
एसडीपीओ ने करीब दो घंटे तक छात्राओं को संबोधित किया. उन्होंने कहां कि सबसे पहले छात्राओं को स्वयं पर विश्वास होना चाहिए. किसी तथ्य को यह मानकर कि यह मुझसे नहीं हो सकता, उसी पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए उसी असंभव काम को संभव कर दिखाने की काबिलियत ही जिंदगी की सफलता का मूल मंत्र है.
एसडीपीओ ने छात्राओं को परीक्षा में सफलता और अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक किया. एसडीपीओ ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहां कि अपने प्रति ईमानदार बनों. सोशल मिडिया व मोबाइल का उपयोग से बचें. इस दरम्यान छात्राओं ने बारी बारी से प्रश्न किया. जिसका विस्तार से बेहतर तरीके से जबाब दिया.
एसडीपीओ ने परीक्षा के दरम्यान आने वाली समस्याएं व परीक्षा में सफलता के मंत्र बताए. ताकि छात्राएं पढ़ाई के दौरान लक्ष्य बनाएं. जिससे उनको बेहतर परिणाम मिल सकते है. एसडीपीओ उपस्थित सभी छात्राओं से कहां कि आपके साथ कुछ भी गलत होता है, परिवार में किसी तरह की बात होती है, तो तत्काल 112 नंबर पर काल करों. इसके अलावे उन्होने अपना नंबर सभी को साझा किया. ताकि किसी तरह की घटना की जानकारी दे सके.
छात्राओं से एसडीपीओ ने कहां कि सोशल मिडिया व इंस्टाग्राम, वाटसप से दूर रहें. इससे दूर रहने से बेहतर शिक्षा ग्रहण करने में आसानी होगी. आगे एसडीपीओ ने कहां कि मैं भी कभी आप ही के तरह छात्र रहा हूं. घर की मेरी भी हालत ठीक नहीं रही. कक्षा एक से पांच तक मदरसे का छात्र रहा, उसके बाद छपरा से ही 12वीं की.
अंततः एक समय आया, जहां मेरे पास पढ़ने को पैसे नही थी, लेकिन पिता की खेती गृहस्थी में हाथ बटा ट्यूशन पढ़ाकर मैंने बीएससी की. उन्होंने बताया कि आप ही के तरह मुझे भी बारहवीं के बाद घर से कही दूसरे प्रदेश में जाकर पढ़ने का मौका नही मिला. लेकिन मैने हिम्मत नही हारी.
मुझे स्वयं पर इतना भरोसा था कि मैं किसी परीक्षा में बैठ जाता तो स्वयं पर भरोसा होता था कि यह मैं पास कर लूंगा. सफलता की मूल मंत्र है एकाग्रता है. आप एकाग्र होकर दो घंटे ही पढ़िए, आपको निश्चित सफलता मिलेगी. मौके पर प्रधानाध्यापिका फरहत आफशां, रवि प्रभात, सचिन्द्र तिवारी, सुनील कुमार, कल्पना श्रीवास्तव मौजूद रही.