जिला मोबिलाईजेशन कोऑर्डिनेटर की दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय एवं पीसीआई इंडिया के तत्वावधान में कार्यशाला का हुआ आयोजन
बिहार एवं झारखंड के 22 जिला मोबिलाईजेशन कोऑर्डिनेटर कर रहे कार्यशाला में शिरकत
पटना– पटना स्थित होटल क्लार्क्स इन में राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय एवं पीसीआई इंडिया के तत्वावधान में जिला मोबिलाईजेशन कोऑर्डिनेटर की दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ सभी प्रतिभागियों द्वारा आगामी एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शपथ लेकर किया गया. कार्यशाला में बिहार के 13 और झारखंड के 9 जिला मोबिलाईजेशन कोऑर्डिनेटर हिस्सा ले रहे हैं. विदित हो कि आगामी 10 अगस्त से राज्य के 13 जिलों में एमडीए कार्यक्रम का संचालन किया जाना है.
2004 से एमडीए कार्यक्रम किया जा रहा संचालित
कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि देश में फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 1956 से चलाया जा रहा है और 2004 में एमडीए कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. उन्होंने बताया कि फ़ाइलेरिया पूरे विश्व में विकलांगता का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है और इसके मरीजों को शुरूआती दिनों में पहचानना आसान नहीं होता है.
क्यूंकि इसके लक्षण 10 से 15 वर्षों के बाद ही नजर आते हैं. पूरे विश्व में हर साल 18 फीसदी मरीज बिहार से चिन्हित किया जाते हैं. उन्होंने अपील किया कि सभी आगे आकर अभियान के दौरान दवा का सेवन करें और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें. डॉ. प्रसाद ने कहा कि एमडीए कार्यक्रम के दौरान अपने जिलों में जिला मोबिलाईजेशन कोऑर्डिनेटर की भूमिका अहम् होगी क्यूंकि वह समुदाय से नियमित संपर्क कर संवाद स्थापित कर उन्हें जागरूक करेंगे.
रिफ्यूजल के मामलों को और कम करने की है जरुरत
कार्यशाला को संबोधित करते हुए पीसीआई इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर रणपाल सिंह ने कहा कि गत वर्षों में दवा खिलाने के दौरान रिफ्यूजल में कमी आई है. लेकिन इसे और कम करने की जरुरत है और इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक एवं प्रेरित कर दवा खिलाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि इस राउंड के लिए सभी को शत प्रतिशत दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है और सभी जिला मोबिलाईजेशन कोऑर्डिनेटर इसके लिए प्रयास करेंगे.
कार्यशाला का उद्देश्य उन्मुखीकरण एवं क्षमतावार्धन करना है
पीसीआई इंडिया की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया, डॉ. पंखुड़ी मिश्रा ने बताया कि उन्मुखीकरण कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिला मोबिलाईजेशन कोऑर्डिनेटर की फ़ाइलेरिया को लेकर समझ एवं जानकारी बढ़ाना, फ़ाइलेरिया को लेकर सामुदायिक जागृति, एमडीए कार्यक्रम के पहले एवं कार्यक्रम के उपरांत किये जाने वाले कार्य एवं संचार क्षमता को विकसित करना है.
उन्होंने बताया कि पिछले राउंड में पीसीआई इंडिया द्वारा करीब 42 लाख जीविका सहेलियों ने अभियान के दौरान दवा का सेवन किया था. अगस्त में संचालित होने वाले राउंड में पीसीआई इंडिया द्वारा जिला स्तरीय कई कार्य किये जायेंगे. इनमे अंतर्विभागीय समंवय स्थापित कर विभिन्न विभाग जैसे कृषि, शिक्षा, एनएसएस, डेरी आदि को साथ लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवा सेवन कराने की योजना है. उन्होंने बताया कि इस राउंड में किसान भाइयों को दवा खिलाने पर विशेष बल दिया जायेगा.
राज्य सलाहकार, फ़ाइलेरिया डॉ. अनुज सिंह रावत ने बताया कि अभी राज्य में करीब 1.60 लाख हाथीपांव एवं 22,700 हाइड्रोसिल के मरीज चिन्हित हैं. उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी से मई तक 187 हाइड्रोसिल के मरीज का ऑपरेशन किया गया है. कार्यशाला में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद, पीसीआई इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर रणपाल सिंह,
पीसीआई इंडिया की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया, डॉ. पंखुड़ी मिश्रा, राज्य सलाहकार, फ़ाइलेरिया डॉ. अनुज सिंह रावत, पीसीआई इंडिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया झारखंड के मिथिलेश सिंह एवं उनके सहयोगी रोहित कुमार, पीसीआई इंडिया के राज्य कार्यालय से अमरेश कुमार, लेप्रा से डॉ. रजनीकांत सहित, पिरामल, विश्व स्वास्थ्य संगठन से विकास कुमार, कार्यक्रम के सहयोगी अंशु, जीएचएस से अंकित कुमार एवं सिफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.