बक्सर : मॉरीशस रामायण सेंटर की अध्यक्ष डॉ विनोद बाला अरुण ने कहा कि श्री राम ने अपने त्याग पूर्ण जीवन से जिन आदर्शों और मर्यादा को स्थापित किया है वह विश्व में सुशासन का आदर्श सर्वकालिक मॉडल है। वाल्मीकि रामायण के आधार पर उनके जीवन को जाना समझा जा सकता है। वाल्मीकि रामायण में कई ऐसे सूत्र हैं जिनके आधार पर भ्रष्टाचार, भेदभाव की की दृष्टि जैसी समस्याओं का समाधान संभव है। वे सनातन संस्कृति समागम अहिरौली बक्सर में आयोजित श्रीराम प्रज्ञा यज्ञ में भगवान श्रीराम के सुशासन मॉडल पर बोल रही थी। प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे.नंदकुमार ने कहा कि राम राज सर्वजन सम्मान व सम दृष्टि आधारित लोक कल्याणकारी शासन है। दैहिक, दैविक, भौतिक तापों से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था है।

शोषितों वंचितों को सामाजिक व राजनीतिक मुख्यधारा से जोड़ने वाली चेतना है। संगोष्ठी में राष्ट्रीय एकात्मता के प्रतिमान श्रीराम, राम राज का आर्थिक दर्शन, सांस्कृतिक एकात्मता के प्रकाशपूंज श्रीराम, भारतीय चिंतन दर्शन व राम राज, भारतीय राजनीति में श्रीराम, श्री राम का नायकत्व व भारत बोध का जागरण, वर्तमान राजनीति और रामराज की अवधारणा पर क्रमश क़िस्मत कुमार सिंह, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र पूर्व एचओडी, प्रो.सच्चिदानन्द मिश्र भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आईसीपीआर के सचिव,
डॉ.सूर्यकांत केलकर अखिल भारतीय संगठन महामंत्री भारत रक्षा मंच नई की ने चर्चा की। विषय प्रवेश कृष्ण कांत ओझा प्रज्ञा प्रवाह के प्रदेश संयोजक ने की। अध्यक्षता प्रो.डी.पी.तिवारी पूर्व कुलपति वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा ने की। धन्यवाद ज्ञापन श्री मारुति नंदन चिति प्रज्ञा के प्रांतीय योजना आयाम प्रमुख ने की।