श्रीराम कर्मभूमि में बनेगा भगवान राम की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा, सनातन संस्कृति समागम में स्वामी रामभद्राचार्य ने लिया संकल्प

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बक्सर : सनातन संस्कृति समागम में श्रीराम कथा के चौथे दिन पद्मभूषण पूज्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी के श्रीमुख से राम कथा श्रवण करने हजारों रामभक्तों की विशाल भीड़ इकट्ठा हुई। इस दौरान पूज्य स्वामी जी ने श्री राम कर्मभूमि की पहचान पूरे विश्व में कायम करने के लिए बक्सर में भगवान राम की विश्व की सबसे प्रतिमा स्थापित करने जैसी कई अहम घोषणाएं की। श्रीराम कर्मभूमि न्यास के तत्वावधान व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन तथा पूज्य जीयर स्वामी जी के सानिध्य में माता अहिल्या धाम, अहिरौली में आज श्री रामभद्राचार्य महाराज जी ने अपनी 1357 वीं रामकथा के चौथे दिन बक्सर की अस्मिता को स्थापित करने श्रीराम कर्मभूमि को विश्वपटल पर पहचान दिलाने के लिए संकल्प लिया कि बक्सर में हम ताड़का और सुबाहु का वध करते हुए भगवान राम की इतिहास की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित करेंगे।

इसके साथ ही परम् पूज्य स्वामी जी ने वामनेश्वर भगवान कॉरिडोर, अहिल्या माता मन्दिर जीर्णोद्धार और माता अहिल्या के उद्धार करते हुए श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया। और कहा कि लोग जब भी श्रीरामजन्मभूमि का दर्शन करने आएंगे तो राम कर्मभूमि को प्रणाम करने अवश्य आएंगे। पूज्य स्वामी जी ने कहा की इस पावन कार्य को सिद्ध करने में मिनिस्टर से मिस्टर तक की भूमिका होगी इसलिए माननीय मंत्री अश्विनी चौबे के संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक परिवार से 9-9 रुपये की राशि इकट्ठा कर इसमें बक्सर की जनता की भागदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। स्वामी जी ने कहा की भगवान राम का जन्म नवमी के दिन हुआ था इसलिए 9 रुपये की राशि पूर्ण है। घोषणा के दौरान मंच पर माननीय केंद्रीय मंत्री और आयोजन के संयोजक अश्विनी कुमार चौबे जी, पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष अवधेश नारायण जी, श्री अरिजीत शाश्वत जी, अविरल चौबे जी, स्वामी अभ्यानंद जी महाराज और स्वामी अगमानंद जी महाराज उपस्थित रहे।

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