बक्सर: साक्षरता कार्यालय बुनियादी विद्यालय परिसर में मंगलवार को महिला शिक्षिका ज्योतिबा बाई फुले के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा विभाग के केआरपी और शिक्षकों ने मिलकर प्रथम महिला शिक्षिका के सम्मान में पुष्प अर्पित किए। महिला शिक्षिका अनीता यादव ने इतिहास के पन्ने में उनके स्वर्णिम कार्य को याद किया और जीवन में ज्योतिबा बाई फुले के बताए शिक्षा मार्ग पर चलने की बात कही। डॉ मनीष कुमार शशि ने ज्योतिबा बाई फुले के संघर्ष और संसाधन अभाव में शिक्षा की बातों को आगे बढ़ाने वाली घटना का उल्लेख किया।
वहीं प्रमोद कुमार चौबे उनके संघर्ष से सीख लेने की बात बताई और बालिका को शिक्षित करने पर जोर दिया। वक्ताओं ने यह बात बताया कि यदि एक महिला शिक्षित होती है, तो वह सिर्फ एक परिवार नहीं। बल्कि दो-दो खानदान की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के प्रयास करती है। महिला साक्षरता पर कार्य करना समाज को मजबूत बनाने की कड़ी होती है। महिला साक्षरता पर हमें अनवरत कार्य करते रहना चाहिए। बालिका के शैक्षणिक विकास पर समाज को आगे आना चाहिए। मौके पर उपस्थित संजू श्रीवास्तव, सुनीता कुमारी, धनंजय मिश्रा, रामाशंकर चौधरी, ओम प्रकाश इत्यादि ने अपने महत्वपूर्ण विचार रखें।