जच्चा – बच्चा दोनों की स्वास्थ्य अभी ठीक है : डॉ अशोक तिवारी
जिले के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए जाना जा रहा है अनुमंडल अस्पताल बगहा
बेतिया। बगहा अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सकीय व्यवस्था में दिनोंदिन बेहतर सुधार हो रहा है। अनुमंडल अस्पताल बगहा में सोमवार को एक एड्स संक्रमित महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया है। जिसके सम्बन्ध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ ए के तिवारी ने बताया की दोनों का स्वास्थ्य अभी ठीक है।
उन्होंने बताया की असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने, असुरक्षित खून चढ़ाने, नशीली दवाओं का सेवन करना तथा सुई या सिरिंज साझा करना, एच आई वी पॉजिटिव मां से बच्चे में व अन्य कारणों के कारण पश्चिम चम्पारण जिले में एचआईवी संक्रमितों का आकड़ा 3500 के पार पहुंच चुका है। अज्ञानता व असावधानी के कारण शहर व गांव हर जगह से एड्स के मरीज मिल रहे हैं। उन्होंने बताया की इसके कारण जिला का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है,
अब आम मरीजों की चिकित्सा शरू करने के पूर्व सबसे पहले एचआईवी की जाँच की जा रहीं है ताकि किसी प्रकार का कोई संक्रमण का खतरा न उत्पन्न हो।
एड्स संक्रमित होने के बावजूद महिला प्रेग्नेंट थी
बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में एक दम्पति एचआईवी पॉजिटिव मिला। एड्स संक्रमित होने के बावजूद महिला प्रेग्नेंट थी, जिसने अनुमण्डलीय अस्पताल बगहा में नवजात शिशु को जन्म दिया। एचआईवी पीड़ित पति-पत्नी को विशेष सुरक्षित तरीके से रखकर मेडिकल टीम ने उनका सुरक्षित प्रसव कराया।
अनुमंडल अस्पताल के डीएस डॉक्टर अशोक तिवारी की निगरानी में महिला चिकित्सक और पूरी टीम ने प्रसव कक्ष की साफ-सफाई कर बैरिकेटिंग के बाद पीपी कीट के जरिये लेबर रूम को फुल्ली सेनीटाइज कर प्रसव कराया, तब जाकर डॉक्टर्स ने राहत की सांस ली। सावधानी के लिहाज से प्रसव कक्ष के बेडशीट, तौलिया और अन्य जरूरी सामग्री को क्लेक्ट कर उसे हटाकर नष्ट कर दिया गया है।
जबकि नवजात शिशु को एचआईवी से बचाव के मद्देनजर एंटी डोज दिया गया है। जिसका प्रॉपर निगरानी खुद डीएस कर रहे हैं। डॉ. अशोक तिवारी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर आगे भी उसे दवा दिया जायेगा। जबकि 2 साल बाद उसका पुनः एचआईवी जांच की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया की अस्पताल प्रशासन व स्वास्थ्य कर्मियों को एचआईवी के प्रति एलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।
एचआईवी क्या है
एचआईवी एक वायरस है, जो उन कोशिकाओं पर हमला करता है, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। इससे व्यक्ति अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
यह वायरस एचआईवी वाले व्यक्ति के कुछ शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है, आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध के दौरान, इंजेक्शन आदि साझा करने के माध्यम से यह वायरस फैल सकता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो एचआईवी एड्स को जन्म दे सकता है।
इससे बचाव के उपाय
असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें। कंडोम का प्रयोग करें। अगर आपका पार्टनर एचआईवी संक्रमित है, तो उनका इलाज पूरा किए बिना शारीरिक संबंध बनाने से बचें। एक-दूसरे के साथ सुई आदि साझा करने से बचें। टैटू, दाढ़ी बनाने के ब्लेड आदि को सैनिटाइज जरूर करवाएं।