बाहरी जिलों और राज्यों से आने वाले बच्चों के लिए स्वास्थ्य विभाग की पहल
जिला स्तर पर माइक्रोप्लान बनाकर घाटों पर तैनात की जाएगी ट्रांजिट टीम
आरा, 13 नवंबर | पोलियो को लेकर सरकार और स्वास्थ्य समिति सतर्क है। ऐसे में पर्व त्योहारों के दौरान पोलियो के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने विशेष तैयारी कर रखी है। जिसके तहत पर्व त्योहारों पर दूसरे जिलों, राज्यों व जिलों में नौकरी और मजदूरी करने वाले जिलेवासियों को लक्षित करते हुए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिलास्तर पर माइक्रोप्लान तैयार किया है।
जिसमें आगामी 20 नवंबर तक विशेष अभियान के तहत पल्स पोलियो अभियान चलाया जायेगा। इसके तहत छठ के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों और प्रदेशों से आने-जाने वाले शून्य से पांच साल तक के सभी बच्चों को पोलियो संक्रमण के खिलाफ जिले के रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड पर दवा पिलाई जा रही है। पल्स पोलियो अभियान की शत-प्रतिशत सफ़लता को लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से पोलियो का सेवन सुनिश्चित किया जा रहा है। ताकि पोलियो संक्रमण के खतरे से बच्चों का भविष्य सुरक्षित कराया जा सके।
छठ घाटों पर बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो की दवा
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया, पड़ोसी देशों में पोलियो संक्रमण का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में इसको लेकर विशेष रूप से चौकसी बरती जा रही है। हालांकि वर्ष 2014 में ही बिहार को पोलियोमुक्त राज्य घोषित किया जा चुका है। इसके बावजूद दुनिया में कहीं भी पोलियो का वायरस मिलने के बाद बिहार सहित देश के अन्य राज्यों में प्रसार का खतरा बरकरार होने की
स्थिति में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया जाता है। जिसको लेकर पल्स पोलियो अभियान के तहत वैसे चिह्नित स्थान जहां से बच्चे जिला, प्रखंड व संबंधित गांव में प्रवेश करेंगे वैसे स्थानों पर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए दो सदस्यीय ट्रांजिट टीम प्रतिनियुक्त की गई है। साथ ही, अलग अलग छठ घाटों के लिए भी दो सदस्यीय ट्रांजिट टीम की प्रतिनियुक्ति की गई है। जहां पर बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी।
अभियान के दौरान नहीं छूटेगा एक भी बच्चा
डीआईओ डॉ. सिन्हा ने बताया, पल्स पोलियो अभियान की सफलता को लेकर शहरी क्षेत्र के बस स्टैंड के प्रवेश एवं निकास द्वार सहित रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर दो सदस्यीय टीम बहाल की गयी है। जहां पर आने वाले अभिभावकों के साथ बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जा रही है। पल्स अभियान के दौरान एक भी बच्चा छूटे नहीं इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है।
इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों सहित टीम के अन्य कर्मियों को निर्देशित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पोलियो का वायरस आपके शरीर में प्रवेश करने के बाद तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को प्रभावित कर सकता है। खासकर पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को यह बीमारी होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। पोलियो का कोई इलाज नहीं है, मगर पोलियो का टीका बच्चे का इस बीमारी से बचाव कर सकता है।