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डुमरांव-पीड़िया पथ जर्जर, दो किलोमीटर सड़क से जाने में होती है फजीहत

डुमरांव. प्रखंड व नगर परिषद क्षेत्र के कई सड़क जर्जर हो चुके है. जिससे रात की बात कौन कहें, आवागमन में दिन के उजाले में परेशानी हो रही है. पीडब्लूडी के प्रखंड अध्यक्ष एकौनी निवासी विशोकानंद चंद कहते है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में सड़कों का जाल जरूर बिछा है. यह सच्चाई भी है. लेकिन बताया कि एकौनी-पीड़िया-डुमरांव पथ पर दो किलोमीटर जर्जर सड़क से पैदल, साइकिल व यात्री वाहन से गुजरना मुश्किल होता है.

उन्होने बताया कि बिहार सरकार द्वारा इलेक्ट्रीक ट्राइसाइकिल मिला है, इस सड़क से आवागमन में डर लगता है कि कहीं पलट न जाए. उन्होने बताया कि इस रास्ते सैकड़ों मजदूर डुमरांव सहित अन्य शहरों में मजदूरी करने अपने साइकिल से प्रतिदिन निकलते है. लेकिन उन्हें दो किलोमीटर की दूरी उन्हें आवागमन में परेशान कर देती है. अगर प्रसूति महिला आवागमन करें तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जर्जर से सड़क यात्री वाहन पलट चुकी है.

बाइक व साइकिल चालक गिर कर जख्मी हो चुके है. हालाकि यह क्षेत्र भले डुमरांव प्रखंड अंतर्गत आता है, लेकिन विधानसभा राजपुर है. यह सड़क लगभग सात वर्ष पहले बना था. लेकिन जनप्रतिनिधियों के उदासीनता से सड़क नहीं बना, मरम्मत तक नहीं हुआ. इस रास्ते आधा दर्जन स्कूल के एचएम व शिक्षक-शिक्षिका पठन-पाठन को लेकर आवागमन करते है. चुनाव के समय वोट अपने पक्ष में लेने के लिए गांव में पहुंचते है.

लेकिन आश्वासन के बाद कोई पहल नहीं करता. इस रास्ते से देर रात आवागमन करना दुर्घटना को दवात देने जैसा है. ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क से दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन रहता है. लेकिन जर्जर सड़क होने से लंबी दूरी तयकर दूसरे रास्ते होकर जाते है. नगर परिषद क्षेत्र के मुख्य सड़क से लेकर आधा दर्जन सड़क जर्जर हो चुके है. जिससे आवागमन में लोगांें को परेशानी होती है. एकौनी-पीड़िया-डुमरांव पथ से जूड़े ग्रामीण महेंद्र यादव, दुर्गेश गोड, धनजी यादव ने डीएम और सीएम से सड़क का पुनः निर्माण कराने को लेकर गुहार लगाई.  

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