
बक्सर : जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के द्वारा गंगा नदी में अहिरौली घाट पर रिवर रैचिंग कार्यक्रम में भाग लिया गया. नदियों में मत्स्य संसाधन के संरक्षण, मछुआरों के आर्थिक सामाजिक स्थिति में उत्थान, बढती आबादी के साथ गुणवता युक्त प्रोटीन की उपलब्धता सुनिष्चित कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार
द्वारा गंगा नदी में मेजर कार्प (रोहू, कतला, नैनी) मछलियों के अंगुलिकाओं का पुनर्स्थापन कार्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की गई है. इस क्रम में 04 लाख रोहू, कतला एवं नैनी अंगुलिकाओं का पुनर्स्थापन बक्सर जिला अंतर्गत गंगा नदी में किया जाना है। जिसका शुभारंभ आज जिला पदाधिकारी के द्वारा किया गया.
बिहार राज्य में नदियों के परिस्थितिकी तंत्र पर निम्न कारणों से प्रतिकूल असर पड़ा हैः- मानव गतिविधियाँ (यथा नदियों पर बाँध निर्माण, परिवहन हेतु नौका संचालन आदि), अविवेकीय मत्स्य दोहन (नदियों से अत्याधिक मछली की निकासी, प्रजनन काल में मछली निकासी आदि) एवं पर्यावरण प्रदूषण (कारखानों के प्रदूषित जल एवं शहरों के प्रदूषित जन का नदियों में प्रवाह आदि).
इन कारणों से निम्न प्रभाव परिलक्षित हुए हैः- नदियों का मत्स्य उत्पादन में कमी, मूल मत्स्य प्रजातियों की विविधता में कमी, मत्स्य उद्योग की अपरिवर्तनीय क्षति, मछुआरों की आय में कमी एवं नदियों के जल की गुणवता में कमी.
उद्देश्य:- नदियों के प्रति किलोमीटर मत्स्य उत्पादन में अभिवृद्धि, गंगा नदी के मूल प्रजातियों का जर्मप्लाज्म का पुनर्स्थापन, जैव विविधता में संतुलन एवं संरक्षण, नदियों के जलीय गुणवता को बेहतर करना एवं मछुआरों का आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान.
मछुआरों से अपीलः- 15 जून से 15 अगस्त तक नदियों में शिकारमाही प्रतिबंध रहेगी. यह समय मछलियों का प्रजनन काल है एवं मत्स्य उत्पादन एवं संख्या में वृद्धि हेतु महत्वपूर्ण है. 04 सेंटीमीटर से कम साइज का फासाजाल (गिलनेट) का उपयोग प्रतिबंध रहेगा.
शिकारमाही हेतु विस्फोटक एवं जहरीले पदार्थ का उपयोग प्रतिबंध रहेगा. शिकारमाही से प्रतिषेध के महीनों में मछुआरों को वित्तीय राहत हेतु राहत-सह-बचत योजना का लाभ दिया जाएगा. कार्यक्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी बक्सर एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
