जिला स्तरीय कृषि टॉस्क फोर्स की बैठक में जैविक कोरिडोर योजना अंतर्गत चयनित राजस्व ग्राम मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने का दिया निर्देश
बक्सर: डीएम अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टॉस्क फोर्स की बैठक समाहरणालय परिसर अवस्थित कार्यालय कक्ष में की गई. समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी के द्वारा निदेश दिया गया कि जैविक कोरिडोर योजना अंतर्गत चयनित राजस्व ग्राम (केशवपुर एवं महदह) के अंतर्गत कृषि विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं का स्थल निरीक्षण करते हुए उक्त राजस्व ग्राम को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाय.
फसल अवशेषः- जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर के द्वारा अवगत कराया गया कि डीबीटी सेल से 320 फॉयर प्वाईंट प्राप्त हुआ है, जिसमें 271 कृषकों को चिहिन्त कर आई0डी0 ब्लॉक की कार्रवाई की जा चुकी है. जिसके आलोक में निदेश दिया गया कि शेष किसानों को चिन्हित कर 24 घंटे के अंदर विभागीय नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाय. साथ ही पराली प्रबंधन हेतु कृषकों को पराली प्रबंधन यंत्र हेतु प्रोत्साहित किया जाय.
उद्यानः- उद्यान विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा असंतोष व्यक्त किया गया. सूक्ष्म (ड्रिप एवं स्प्रींकलर) सिंचाई योजना अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य 700 एकड के विरूद्ध मात्र 129 एकड ही उपलब्धि प्राप्त है. जबकि वितीय वर्ष समाप्ति में बहुत ही कम समय बचा हुआ है. इस संबंध में जिला उद्यान पदाधिकारी बक्सर से स्पष्टीकरण की माँग की गई.
भूमि संरक्षणः- सात निश्चय 2 वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त लक्ष्य के अनुसार अब तक उपलब्धि शून्य है. इस संबंध में सहायक निदेशक भूमि संरक्षण बक्सर से स्पष्टीकरण की माँग की गई. साथ ही निदेश दिया गया कि निर्धारित समय के अंदर लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे.
उर्वरकः- जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर ने बताया कि जिला अंतर्गत उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा निदेश दिया गया कि जीरो टॉरलेंस नीति का अनुपालन करते हुए निर्धारित मूल्य पर उर्वरक वितरित किया जाय. प्रतिदिन किसानों के द्वारा उर्वरक उठाव का प्रतिवेदन साथ ही जिला अंतर्गत थोक उर्वरक विक्रेताओं की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर के द्वारा बताया गया कि जिला अंतर्गत सबसे अधिक लंबित ई केवाईसी कृषि समन्वयक पर कार्रवाई की जा चुकी है. साथ ही साथ प्रखण्ड स्तर पर सबसे अधिक लंबित ई केवाईसी रखने वाले कृषि समन्वयक को चिन्हित किया जा रहा है. जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा निदेशित किया गया कि विशेष कैम्प का आयोजन कर लंबित आवेदनों को शत-प्रतिशत पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाय.