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गृह भ्रमण कर लाभुक महिलाओं को पोषण के प्रति करें जागरूक : डीपीओ

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  • जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया गोद भराई उत्सव सह सुपोषण दिवस
  • आईसीडीएस डीपीओ ने गर्भवती महिलाओं को दी पोषण की थाली, किया जागरूक
  • बक्सर, 07 सितंबर | प्रत्येक साल सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। जिसके तहत जिले के सभी परियोजनाओं में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान पूरे माह आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों, लाभुक महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया और कुपोषण को दूर करने के साथ पोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा।
  • इस क्रम में गुरुवार को तय कार्यक्रम के अनुसार गोद भराई उत्सव सह सुपोषण दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रंजना कुमारी ने सदर परियोजना अंतर्गत केंद्र संख्या 94 ठोरा अनु. जाति टोला आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की। डीपीओ ने गर्भवती महिलाओं को फल, फूल गोदभराई सामग्री इत्यादि उपहार स्वरूप भेंट किया।
  • साथ ही, डीपीओ ने सेविका के साथ आंगनबाड़ी केंद्र के पोषण क्षेत्र में गृह भ्रमण भी किया। उन्होंने सभी सेविकाओं को 9 सितंबर तक गृह भ्रमण कर सभी लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया। इस दौरान वार्ड अध्यक्ष जन प्रतिनिधि, महिला पर्यवेक्षिका,सेविका, सहायिका तथा परिवार के अन्य सदस्यों की उपस्थिति हुए।

गर्भवतियों को 180 आयरन की गोलियां लेनी चाहिए

  • डीपीओ रंजना कुमारी ने गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पोषण का प्रतिदिन सेवन करने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं, मौसमी फलों व सब्जियों के सेवन से होने वाले पोषण लाभ के प्रति महिलाओं को जागरूक भी किया गया। उन्होंने कहा कि महिलाओं में खून की कमी से बचने के लिए गर्भवतियों को 180 आयरन की गोलियां लेनी चाहिए। सरकार बेहतर पोषण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करती है। इसके तहत प्रत्येक माह की सात तारीख को आंगनबाड़ी केंद्र पर सात से नौ माह की गर्भवतियों की गोद भराई कराई जाती है।
  • गर्भावस्था में प्रतिदिन हरी साग-सब्जी, मूंग का दाल, सतरंगी फल, सूखे मेवे एवं दूध, सप्ताह में दो से तीन बार अंडे, मांस, महिलाओं को खाना चाहिए। डीपीओ ने कहा कि गर्भवती और धात्री महिलाएं नियमित रूप से समुचित मात्रा में पौष्टिक आहार लिया करें। नियमित रूप से प्रसव पूर्व जांच करती रहे। अपना वजन कराएं तथा उसे मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड पर दर्ज कराएं। साथ ही प्रसव पश्चात एक घंटे के अंदर शीघ्र स्तनपान शुरू करने संबंधी परामर्श दिए गए।

सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत है इस वर्ष की थीम

  • डीपीओ ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान समग्र रूप से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पोषण स्तर में अपेक्षित सुधार लाना है। जिसके लिए जनभागीदारी के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया जाएगा।
  • इस वर्ष ‘सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत’ पोषण माह की थीम निर्धारित की गई है। जिसके तहत स्तनपान एवं ऊपरी आहार के लिए परामर्श व जागरूकता गतिविधि, स्वस्थ्य बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा, पोषण भी पढ़ाई भी, मेरी माटी मेरा देश अभियान, जनजातीय केंद्रीत क्षेत्रों में पोषण संवेदीकरण के लिए उन्मुखीकरण तथा एनीमिया प्रबंधन पर परीक्षण, उपचार एवं चर्चा को लेकर गतिविधियां आयोजित की जानी है।

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