डुमरांव जदयू प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने एनडीए प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी के पक्ष में नावानगर, परमानपुर, धनबखरा, उसरा, रूपसागर में जनसंपर्क अभियान चलाया। उन्होने इस दौरान कहा कि बक्सर जिले का चहुमुंखी विकास हुआ है. उन्होंने कहां कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में बक्सर जिले के शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों में विकास की गंगा बही है.
आगे कहां कि 1990 के दशक में जहां लालू-राबड़ी शासनकाल में जिले में जहां कुशासन का राज था. वहीं आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में बक्सर में विकास की गंगा बह रही है. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहां कि आज उनकी कोशिशों के चलते जिले का चहुमंुखी विकास हो रहा है.
जिले में नए पुल, पुलिया और सड़कों का निर्माण हो रहा है, लोग सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर हो रहे है. उन्होंने कहां कि सरकार ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले साल 2006 में पंचायती राज में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर उन्हें सबल बनाने का काम किया. 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का काम किया. जिसकी बदौलत आज महिलाओं की पंचायती राज व्यवस्था में बेहतर भागीदारी सुनिश्चित हुई है.
उन्होंने कहा कि आरजेडी ने अपने 15 सालों के कुशासन के दौरान महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के हकों को छीनने का काम किया. आरजेडी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहां कि आरजेडी अति पिछड़ों को पंचायतों और नगर निकायों में आरक्षण को खत्म करने की साजिश रच रही है.
उन्होंने कहां कि नीतीश कुमार ने पिछड़ों, अति पिछड़ों को जो राजनीतिक ताकत दी है, वो आरजेडी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है. आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहां कि आरजेडी ने कभी भी महिलाओं को उचित सम्मान नहीं दिया. सरकार ने पुलिस बल में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की. उन्होंने कहां कि नीतीश कुमार के राज में पुरुषों और महिलाओं के बीच जो समानता है, वो लालू प्रसाद यादव को बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहां कि आज राज्य में महिलाएं आर्थिक तौर पर सशक्त व आत्मनिर्भर बन रही हैं. साथ ही आज राज्य में ‘जीविका दीदियां’ आर्थिक तौर पर मजबूत होकर सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं. पार्टी प्रवक्ता ने कहा नीतीश कुमार ने राज्य में नए मेडिकल कालेजों, इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना की. जिसके चलते आज बिहार के छात्र-छात्राएं राज्य में ही रहकर उच्च शिक्षा पा रही हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा पाने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसको लेकर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना चला रही है, जिससे आज आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के स्टूडेंट्स भी उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं. महज 5 रुपए प्रति महीने देकर छात्र-छात्राएं पोलटेकनिक की पढ़ाई कर इंजीनियर कहला रहे हैं.
उन्होंने कहां कि आरजेडी के शासनकाल में लालू-राबड़ी ने चरवाहा विद्यालय खोलकर बच्चों को चरवाहा बनाने का काम किया. सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार का बजट बढ़ाया और उनके हित में कई सारी योजनाएं चलायी जा रही है.
वहीं उन्होंने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासनकाल में अल्पसंख्यकों के साथ हुए बर्ताव पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासन काल में कुल मिलाकर 130 दंगे हुए और इन दंगों में 26 हजार लोगों की मौत हुई. इतना ही नहीं साल 1989 में कांग्रेस शासन के दौरान भागलपुर में भीषण दंगे हुए.
इस दंगे में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 1 हजार लोग मारे गए. लेकिन 15 साल के लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान पति-पत्नी की सरकार ने दंगा पीड़ितों के आंसुओं को पोंछने का कोई काम नहीं किया. नीतीश कुमार के शासनकाल के दौरान ही मुस्लिमों को न्याय मिल सका.
साल 2005 में बीजेपी के साथ मिलकर शासन संभालते ही नीतीश कुमार की सरकार में भागलपुर दंगे की जांच के लिए आयोग गठित किया गया और इसी आयोग की सिफारिश के आधार पर दंगे में मृतकों के आश्रितों को पांच हजार रुपए की पेंशन राशि दी गई.
दंगा पीड़ितों के क्षतिग्रस्त मकानों को क्षतिपूर्ति दी गई. साथ ही आरोपियों को सजा दिलाई गई. जनसंपर्क अभियान में नवानगर सरपंच मोहन गुप्ता, सत्यानंद, शशि, सोहराब कुरैसी, वीरेंदर चंद्रवंशी, अभिनन्दन मिश्रा, विमलेश सिंह, अजय कुमार, राजू राम, कामेश्वर राम, मृतुन्जय सिंह, राजीव कुमार, पुरान सिंह सहित अनैकों लोग मौजूद थे.