spot_img

अब 20 जिलों में चलेगा होम बेस्ड यंग केयर कार्यक्रम- डॉ. बी. पी. राय

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

पटना/ 9 दिसंबर- “घर पर शिशु के स्वास्थ्य एवं पोषण की समुचित देखभाल एक सबल, जागरूक एवं स्वस्थ नागरिक का निर्माण करेगा जिससे सभी स्तर पर प्रगति के मानकों में सुधार होगा. गृह आधारित नवजात देखभाल के साथ गृह आधारित शिशु देखभाल एक शिशु के समग्र मानसिक एवं शारीरिक विकास की आधारशिला सुनिश्चित करेगा”, उक्त बातें राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, शिशु स्वास्थ्य डॉ. बी. पी.राय ने एक निजी होटल में आयोजित स्वास्थ्यकर्मियों की उन्मुखीकरण कार्यशाला सह समीक्षा बैठक के दौरान कही. एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में किया गया. कार्यशाला में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, शिशु स्वास्थ्य डॉ. बी. पी. राय, यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषग्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर रेड्डी, गौरव कुमार, टीम लीड बिहारी, नीपी, डॉ. अनुपम श्रीवास्तव, वरीय राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अलाइव एंड थ्रायिव, यूनिसेफ की मेडिकल ऑफिसर डॉ. सरिता वर्मा, बिमलेश कुमार सिन्हा, अपर निदेशक, शिशु पोषण एवं स्वास्थ्य सहित 20 जिलों के स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.

20 जिलों में चलेगा होम बेस्ड यंग केयर कार्यक्रम- डॉ. बी. पी. राय

कार्यक्रम में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, शिशु स्वास्थ्य डॉ. बी. पी. राय ने बताया कि पहले राज्य के 13 आकांक्षी जिलों अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगुसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नवादा, पुर्णिया, शेखपुरा एवं सीतामढ़ी में एचबीवाईसी ( होम बेस्ड यंग केयर ) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा था. अब नए 7 फोकस जिलों दरभंगा, पूर्वी चंपारण, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, सहरसा एवं शिवहर में भी इसे संचालित किया जायेगा. राज्य के 20 जिले अब एचबीवाईसी कार्यक्रम के अंदर आयेंगे.

पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की सामान रूप से है शिशु को जरुरत : डॉ. सिद्धार्थ शंकर रेड्डी

कार्यक्रम में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुए यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषग्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर रेड्डी ने बताया कि एचबीवाईसी कार्यक्रम में गृह आधारित देखभाल में शिशुओं के पोषण, स्वास्थ्य, उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास तथा स्वच्छता पर ध्यान दिया जाता है. शिशुओं के समुचित विकास में इन सभी पहलुओं की एक समान महत्ता होती है. आशा कार्यकर्ताओं को इसपर ध्यान देकर अपने गृह भ्रमण के दौरान सभी पहलू ध्यान में रखने चाहिए.

ससमय एवं सटीक रिपोर्टिंग है समय की जरुरत : डॉ. अनुपम

कार्यक्रम में अपने संबोधन में वरीय राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अलाइव एंड थ्रायिव, डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भरे जा रहे फॉर्मेट में काफी सुधार की जरुरत है. जिला स्तर से ससमय सटीक रिपोर्ट प्राप्त होने पर राज्य स्तर पर किसी भी तरह का नीति निर्धारण किया जा सकता है. गृह भ्रमण के दौरान आशा द्वारा भरे जा रहे रिपोर्ट की सुधार प्रखंड स्तर के स्वास्थ्यकर्मी अपने आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण कर सकते हैं. स्वास्थ्यकर्मियों का उन्मुखीकरण डॉ. सरिता वर्मा, डॉ. ब्योमकेश मिश्रा एवं बिमलेश कुमार सिन्हा ने किया.

- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें