अकीदतमंदों ने अलविदा जुमा की नमाज अदा कर किया माहे रमजान का 25 वां रोजा पूरा
अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा। अंतिम असरे में चल रहे मुकद्दस महीना रमजान का चौथा यानी अलविदा जुमा की नमाज अदा कर रोजेदारों ने इबादत बंदगी के साथ 25 वां रोजा पूरा कर एक दूसरे रोजेदारों को मुबारकबाद दी । पाक महीने रमजान का 25 रोजा पूरा होने को लेकर रोजेदारों के चेहरे पर काफी उत्साह देखी गई । इधर चल रहे माहे रमजान के दौरान नन्हे मुन्ने रोजेदारों में भी रोजा रखने को लेकर काफी उथल पुथल मची हुई है ।
यहां तक की भोर के समय यानी सेहरी के व्यंजन खाने के लिए सबसे पहले तैयार रहते हैं और इफ्तार के समय भी सबसे पहले इफ्तार का व्यंजन लेकर सवाब की नियत से नेक दिली के साथ बैठने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं ।मुबारक महीने की फजीलत व बरकत बयां करते हुए शहर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद के इमाम मौलाना आफताब आलम आलम मुजाहरी ने कहा माहे रमजान के दौरान किए गए।
हर एक नेकी का बदला अल्लाह तबारक व तआला सत्तर गुना अधिक कर देता है और रोजेदारों के द्वारा मांगी गई दुआओं को अल्लाह कुबूल करता है और बेहतर बदला भी अता फरमाता है । उन्होंने अलविदा जुमा की नमाज अदा करने से पूर्व यह भी कहा कि माहे रमजान का रोजा रखना इस्लाम धर्म में फर्ज है। इस फर्ज से इनकार करने वाला गुनाहगारों के सूची में शामिल है । इस माह के दौरान अल्लाह तबारक व तआला के माध्यम से खास रहमत बरसती है और रोजेदारों के किए गए पिछले गुनाहों को माफ करता है।
शहर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद के इमाम मौलाना आफताब आलम मुजाहिरी ने आगे कहा कि इस मुकद्दस महीने के दौरान ही पवित्र पुस्तक कुरआन शरीफ हजरत मोहम्मद साहब पर उतारा गया था और इस महीने को बहुत बड़ी फजीलत हासिल है । इधर तमाम अकीदतमंदों अलविदा जुमा की नमाज अदा कर अल्लाह से पूरी दुनिया में अमन शांति कायम रहने की दुआ की ।