बिहारमुजफ्फरपुर

साहित्य, शिक्षा और सम्मान का अनूठा संगम पाँचवाँ डॉ. राज नारायण राय स्मृति साहित्य सेवा सम्मान समारोह भव्यता के साथ सम्पन्न

मुज़फ़्फरपुर। साहित्यिक चेतना, शैक्षिक जागरूकता और समाज सेवा के त्रिवेणी संगम में एक नई रेखा खींचते हुए पाँचवाँ डॉ. राज नारायण राय स्मृति साहित्य सेवा सम्मान समारोह एक भव्य आयोजन के रूप में द पार्क होटल, मुज़फ़्फरपुर में सम्पन्न हुआ। यह आयोजन केवल एक औपचारिक समारोह नहीं था, बल्कि साहित्य, शिक्षा और समाजसेवा के प्रति समर्पण की एक जीवंत मिसाल बनकर उभरा।

“टेंगरारी वाले कलाम” का लोकार्पण—एक प्रेरक कृति की भेंट

समारोह की विशेष उपलब्धि रही चर्चित पुस्तक “टेंगरारी वाले कलाम” का लोकार्पण, जिसे कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया। पुस्तक के लेखक एवं आयोजन के संयोजक डॉ. सतीश कुमार “साथी” ने साहित्य और शिक्षा के मध्य एक सशक्त पुल निर्माण का प्रयास करते हुए इस आयोजन को भावनात्मक गहराई और प्रेरणात्मक ऊर्जा से भर दिया।

गरिमामयी मंच और विद्वतजनों की उपस्थिति

समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. रविन्द्र उपाध्याय ने की। उनके साथ मंच की शोभा बढ़ाने वाले प्रमुख अतिथियों में शामिल थे:

डॉ. सतीश कुमार राय, बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय

प्रो. पुष्पा गुप्ता, सेवानिवृत्त शिक्षिका

डॉ. विनय कुमार, शिक्षक एवं साहित्यकार

डॉ. विजयेश, युवा समाजसेवी

श्री बंशीधर बृजवासी, विधान परिषद सदस्य

इन सभी विद्वानों की उपस्थिति ने आयोजन की महत्ता को और सुदृढ़ किया।

डॉ. बृजभूषण मिश्रा को मिला 2025 का मुख्य सम्मान

भोजपुरी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बृजभूषण मिश्रा को वर्ष 2025 का डॉ. राज नारायण राय स्मृति साहित्य सेवा सम्मान प्रदान किया गया। उनके साहित्यिक अवदान और भाषा के प्रति निष्ठा को इस मंच पर गरिमापूर्ण मान्यता दी गई।

विशिष्ट शिक्षकों का सम्मान—समर्पण और नवाचार का उत्सव

कार्यक्रम में 11 विशिष्ट शिक्षकों और साहित्यसेवियों को उनके रचनात्मक योगदान के लिए विशेष सम्मान से नवाज़ा गया। इनमें तीन नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं:

श्री महेश कुमार, शिक्षक, राजकीय मध्य विद्यालय तेतरिया

श्री अमर कुमार, प्रधानाध्यापक, NPS छेनी छपरा

श्री विनय कुमार, प्रधानाध्यापक, राजकीय मध्य विद्यालय जगन्नाथ पकड़ी, मीनापुर

सभी सम्मानित प्रतिभाओं को शाल, सम्मान-पत्र, स्मृति-चिन्ह और माल्यार्पण द्वारा सम्मानित किया गया, जो उनके नवाचारी शिक्षण शैली और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

टेंगरारी वाले कलाम”—एक शिक्षक की जीवंत प्रेरणा

लोकार्पित पुस्तक “टेंगरारी वाले कलाम” केवल एक साहित्यिक रचना नहीं, बल्कि समाज के सबसे ज़रूरतमंद बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने वाले शिक्षक की कहानी है। पुस्तक के केंद्रीय पात्र अब्दुल कलाम सर—संस्कृत शिक्षक, राजकीय मध्य विद्यालय तेतरिया—की जीवन-यात्रा उन विद्यार्थियों को समर्पित है, जो संसाधनहीन हैं लेकिन सपनों से भरपूर हैं।

सम्मान से प्रेरणा : अब्दुल कलाम सर के शब्दों में सच्चा भाव

सम्मान ग्रहण करते हुए अब्दुल कलाम सर ने भावुक शब्दों में कहा: “यह केवल सम्मान नहीं, बल्कि मेरे लिए एक ऊर्जा है, जो मुझे और अधिक निष्ठा से शिक्षा और बच्चों के भविष्य निर्माण की दिशा में समर्पित रहने की प्रेरणा देती है। मैं समिति का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ कि उन्होंने मेरी सेवा-यात्रा को पहचान दी।”

साहित्य और शिक्षा की साझी पहल

यह आयोजन केवल एक स्मृति सम्मान समारोह नहीं, बल्कि साहित्य, शिक्षा और समाजसेवा के साझा मूल्यों का उत्सव था। इसने यह सिद्ध किया कि जब साहित्य संवेदना से जुड़ता है और शिक्षा समर्पण से, तो समाज में परिवर्तन की एक नई लहर उठती है।

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